पटना। बिहार सरकार के कांग्रेस पाले के अबकारी मंत्री अब्दुल जलील मस्तान की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर असंसदीय टिप्पणी का कड़ा विरोध करते हुए भाजपा सदस्यों ने सभा में जम कर हंगामा किया। जिसकी वाजह से सभा की कार्यवाही 12 बजे दिन तक के लिए स्थगित कर दी गई।
सभा की कर्रवाई आरंभ होते ही विपक्ष के नेता प्रेम कुमार ने 22 फरवरी को पूर्णिया के अमौर में अब्दुल जलील मस्तान की ओर से पीएम मोदी को उग्रवादी डकैत और नक्सली कहा साथ ही असंसदीय भाषा का प्रयोग करते हुए अपने समर्थकों के साथ पीएम की तस्वीर पर जूतो-चप्पल से पिटाई की।
इस मामले पर पूरा विपक्ष अपने-अपने स्थान से शोर-गुल करने लगा। प्रेम कुमार ने सरकार से अब्दुल जलील मस्तान को अविलंब बर्खास्त करने की मांग की, उन्होंने कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे ऐसे मंत्री जो बंग्लादेश से बिहार में आकर बस गए हैं संवैधानिक पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है।
इस बीच विपक्ष हंगामा करते हुए और हाथों में तख्तियां लिये सदन के बीचों बीच आ गया। नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार ने कहा कि जबतक अब्दुल पर कार्रवाई नहीं होती तब तक भाजपा चुप नहीं बैठेगी। सदन की कार्रवाही नहीं चलने देगी।
इसके बाद भाजपा भाजपा सदस्यों ने हंगामा करते हुए रिपोर्टर डेस्क को उलट दिया। सदन को अव्यवस्थित होता देख सभाध्यक्ष ने सदन की कार्रवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने मस्तान की टिप्णनी पर जताया खेद
बिहार सरकार के अबकारी मंत्री की पीएम मोदी पर किए गए असंसदीय टिपण्णी पर बिहार के शिक्षा मंत्री और बीपीसीसी के अध्यक्ष अशोक चौधरी ने खेद प्रकट किया। विधानसभा में हंगामे के बाद सदन के बाहर संवाददातओं से बातचीत करते हुए चौधरी ने कहा कि कांग्रेस के पाले से मंत्री अब्दुल जलील मस्तान की टिप्पणी से यदी भाजपा के सदस्यों की भावना को ठेस पहुंची है तो वे उनकी तरफ से खेद प्रकट करते हैं।
उन्होंने काह कि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने भी मध्य प्रदेश में उनकी पार्टी की तरफ से पीएम पर किए गए असंसदीय भाषा का प्रयोग करने के प्रयास को रोका था। चौधरी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ऐसी बात से परहेज करती है। इस बीच विधानसभा परिसर में धरना पर बैठे भाजपा सदस्यों ने अब्दुल के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मामला चलाने की मांग की।
भाजपा सदस्यों ने कहा कि पीएम और सीएम का पद संवैधानिक पद है जिस पर ऐसी टिप्पणी करना अशोभनीय हैं। बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे किसी मंत्री को ऐसी भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
अब्दुल जलील मस्तान की बरख्तगी की भाजपा के मांग के बारे में उन्होंने कहा कि देखा जाएगा। कांग्रेस पाले से मंत्री अवधैश सिंह ने भी मस्तान की टिप्पणी पर खेद प्रकट किया और कहा कि नोटबंदी का पार्टी ने विरोध किया है। लेकिन कभी भी असंसदीय भाषा का प्रयोग नहीं किया है।