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पाथेय कण पाक्षिक पत्रिका के हल्दी घाटी युद्ध विशेषांक का विमोचन - Sabguru News
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पाथेय कण पाक्षिक पत्रिका के हल्दी घाटी युद्ध विशेषांक का विमोचन

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पाथेय कण पाक्षिक पत्रिका के हल्दी घाटी युद्ध विशेषांक का विमोचन
fortnightly magazine Pathey kan's special issue on battle of Haldighati
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fortnightly magazine Pathey kan’s special issue on battle of Haldighati

जयपुर। शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने शुक्रवार को पाथेय कण पाक्षिक पत्रिका के हल्दी घाटी युद्ध विशेषांक का विमोचन किया।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास को वामपंथियों ने तोड़-मरोड़ कर पेश किया है। इतिहास में बताया जाता रहा है कि अकबर महान था, जबकि अब तक हुए शोध में सामने आया है कि महाराणा प्रताप महान थे। जिन्होंने मुगलों से युद्ध लड़कर संघर्ष का कीर्तिमान स्थापित किया।

देवनानी ने कहा कि यदि हल्दीघाटी युद्ध में अकबर विजय होता तो जीतने के बाद प्रताप से छह बार युद्ध क्यों करता? इतिहास गवाह है कि जीते हुए किले पर बार- बार आक्रमण नहीं किया जाता। शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि भारत महान है, भारत को यूं ही महान नहीं कहा जाता है।

गांधीजी महान थे क्योंकि उन्होंने राष्ट्र के लिए अंग्रेजों से संघर्ष किया। सीमा पर लड़ने वाले सैनिक को भी बाद में शहीद का दर्जा दिया जाता है तो फिर महाराणा प्रताप महान क्यों नहीं हुए। जो अपनी मातृभूमि के लिए लड़े वही महान होता है।

उन्होंने कहा कि 21 जून को आयोजित विश्वा योग दिवस भारत को विश्वड़ गुरु बनाने की ओर पहला कदम है। 2020 तक भारत विश्वे गुरु के रूप में स्थापित होगा। वामपंथी निजी स्वार्थ के चलते गलत इतिहास को लिखते व पढ़ाते हैं। मैकाले चाहता था कि हिन्दुस्तान में ऐसी युवा पीढ़ी तैयार हो जो केवल क्लर्क बन कर काम करें।

हम राष्ट्र विरोधी ताकतों से लगातार लड़ रहे हैं एक दिन राष्ट्रवादियों की ही जीत होगी। क्योंकि जीत हमेशा सत्य की ही होती है।

अजमेर का किला पर मिले धमकी भरे पत्र के जवाब में देवनानी कहा कि किला अजमेर किले के नाम से ही है। बीच में अकबर किला कर दिया था लेकिन अजमेर में अकबर का क्या काम। उन्होंने कहा कि धमकी भरे पत्रों मैं डरने वाला नही हूं।

पाथेय कण के संपादक कन्हैयालाल चतुर्वेदी ने प्रस्तावना रखते हुए कहा कि पाथेय कण समाज जागरण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। हमारा प्रयास है कि समाज को सही शिक्षा एवं दिशा मिले। इसीलिए पाथेय कण में शोध किए गए लेख एवं विचार प्रकाशित किए जाते हैं।