लखनऊ। मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की गिरफ्तारी नहीं होने को लेकर प्रदेश सरकार पर उठ रहे सवालों के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अब कहा है कि प्रजापति तुरन्त आत्मसमर्पण करें। अखिलेश ने कहा कि राज्य सरकार और पुलिस गायत्री को पकड़ने में सुप्रीम कोर्ट की पूरी मदद करेगी।
गौरतलब है कि सप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गायत्री प्रजापति के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद से वह लापता चल रहे हैं। एसटीएफ भी उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है। इसके अलावा उनकी तलाश में पुलिस ने लखनऊ और अमेठी में छापे भी मारे, लेकिन प्रजापति का कोई सुराग नहीं मिल रहा है।
यहां तक की अमेठी में मंत्री की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मी भी अब वापस लौट आए हैं। उनका कहना है कि मंत्री जी से सम्पर्क नहीं हो पाने के कारण वह वापस लौटे हैं। प्रजापति का मोबाइल लगातार स्विच ऑफ है। वहीं उनकी वाई श्रेणी की सुरक्षा भी वापस ली जा चुकी है।
गायत्री अमेठी से सपा के प्रत्याशी हैं और यहां मतदान सम्पन्न हो चुका है। केस दर्ज होने के बाद भी वह 27 फरवरी तक अपने चुनाव क्षेत्र अमेठी में आराम से घूमते नजर आए, लेकिन पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी नहीं की।
यहां तक कि प्रजापति मतदान के दिन बिना लाइन के सीधे वोट करने के कारण भी सुर्खियों में आए थे। उन्होंने मीडिया की मौजूदगी में अपना वोट दिया था। इसके बाद भी पुलिस चुप्पी साधी रही।
इससे पहले अपने आरोपी मंत्री के लिए अखिलेश यादव तक ने स्वयं जनसभा की। तब भी विरोधी दलां ने अखिलेश यादव पर दुष्कर्म के आरोपी मंत्री का साथ देने के लिए हमला बोला था। वहीं अखिलेश यादव मामले की जांच होने की बात करते रहे। हालांकि अब उन्होंने बैकफुट पर आते हुए प्रजापति से आत्मसमर्पण करने को कहा है।
इस बीच प्रजापति की लोकेशन गुड़गांव में मिलने की भी खबर है। हालांकि फरार मंत्री लगातार अपनी लोकेशन बदल रहे हैं।
गौरतलब है कि एक पीड़ित महिला के मुताबिक गायत्री प्रजापति और उसके साथियों ने उसके साथ गैंगरेप के बाद उसकी नाबालिग बेटी के साथ भी बलात्कार की कोशिश की थी।