मोसुल। ऐसा प्रतीत होता है कि इराक में इस्लामिक स्टेट के गढ़ मोसुल में पहली बार रासायनिक हथियार का इस्तेमाल किया गया है जिसमें कम से कम 12 लोग घायल हुए हैं।
इरविल में मौजूद अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस के एक डॉक्टर ने बीबीसी से इस घटना की पुष्टि की। इस कथित हमले के पीड़ित एक 11 साल के किशोर को श्वांस लेने में तकलीफ हो रही है और वह त्वचा की समस्याओं से जूझ रहा है।
इसके अलावा एक 1 महीने का मासूम भी गंभीर रूप से घायल है। अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस के डॉक्टरों का कहना है कि हमले में जिस रासायनिक पदार्थ का इस्तेमाल किया गया है उसका पता नहीं चला है, लेकिन घायलों का इलाज रासायनिक हमले से पीड़ितों के रूप में किया जा रहा है।
हमले की दो अलग-अलग घटनाओं में ये लोग घायल हुए हैं। पीड़ितों का कहना है कि जब मोर्टारों ने घरों को निशाना बनाया तो रसायन की गंध महसूस हुई थी।
रेड क्रॉस के मध्य पूर्व निदेशक का कहना है कि पीड़ितों के लक्षण रासायनिक एजेंटों के इस्तेमाल के लगते हैं। वे छाले, जलन, लाल आंखों, उल्टी और खांसी से पीड़ित हैं।
उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल प्रतिबंधित है। अभी तक यह पता नहीं चला है कि इस हमले के लिए जिम्मेवार कौन है।