नई दिल्ली। उत्तर पश्चिमी जिले के केशवपुर स्थित प्रेमबाड़ी पुल वाया वजीरपुर रिंग रोड पर काले शीशे वाली जेन कार जिगजैग करते हुए तेजी से दौड़ती हुई और कार के बोनट को कसकर पकड़े हुए घायल ट्रैफिक पुलिस का सिपाही।
जी हां, यह कोई फिल्मी कहानी नहीं बल्कि सच है। जिसमें एक ट्रैफिक पुलिस के सिपाही को कुचलने की कोशिश हुई, करीब एक किलोमीटर तक कार के बोनट पर सिपाही लटका रहा। इस पूरी घटना में पुलिसकर्मी की मददगार पब्लिक बनी। लोगों ने अपने-अपने वाहनों को उस कार वाले के पीछे दौड़ाया।
ओवरटेक करके कार को रुकवाया। कार छोड़कर भागने से पहले ही पब्लिक ने आरोपी को दबोच लिया। बुरी तरह धुनाई की। इस बीच केशवपुरम थाने की पुलिस और ट्रैफिक सर्किल का स्टाफ मौके पर पहुंचा। घायल सिपाही को अस्पताल में भर्ती कराया। आरोपी ड्राइवर के खिलाफ हत्या की कोशिश समेत विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया है।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार घायल ट्रैफिक पुलिस कांस्टेबल रमेश यादव हैं। उनकी अशोक विहार ट्रैफिक सर्किल में तैनाती है। गुरुवार देर शाम को ट्रैफिक पुलिस का चेकिंग अभियान चल रहा था। पुलिसकर्मियों का काफी स्टाफ मौजूद था।
वरिष्ठ अधिकारी के आदेश पर केशवपुरम मेट्रो स्टेशन की ओर से आने वाले व वजीरपुर डिपो की तरफ लेफ्ट मुड़ने वाली वाहनों की चेकिंग चल रही थी। इसी बीच साढ़े छह बजे काले शीशे चढ़ी सफेद रंग की ओल्ड मॉडल जेन कार आती हुई दिखाई दी।
रमेश यादव ने साइड में रुकने का इशारा किया। आरोपी ने कार को साइड में धीमा किया, सिपाही रमेश यादव सामने खड़े होकर नंबर नोट करने लगा। तभी अचानक आरोपी ने कार की रफ्तार तेज कर दी। पैरों में टक्कर लगते ही रमेश उछलकर बोनट पर आ गिरे।
वहां खड़े पुलिसकर्मियों ने शोर मचाया। तब तक कार वाले ने स्पीड बढ़ाकर सिपाही को पटकने के लिए जिगजैग करना शुरु कर दिया। अगल-बगल में ट्रक या अन्य वाहन के नीचे आकर कुचलने के डर से रमेश ने बोनट पर लटके हुए फ्रंट शीशे के वायपर को कसकर पकड़ लिया। नजारा देखकर बाकी लोगों ने पीछे वाहन दौड़ाए।
वजीरपुर डिपो से आगे कार को जैसे तैसे रुकवाया। आरोपी की पहचान केशवपुरम निवासी मनिंदर सिंह के रूप में हुई है। पूछताछ में बताया कि उसे डर था कि काले शीशे का चालान, फिर 15 साल से अधिक पुरानी जेन कार जब्त की जा सकती है। फिलहाल पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है।