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उत्तराखंड के राज्यपाल को धमका रही मोदी सरकार

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aziz qureshi
uttarakhand governor aziz qureshi refuses to quit challenges Narendra Modi government

नई दिल्ली। मोदी सरकार पर उतराखंड केराज्यपाल अजीज कुरैशी ने धमकाने का आरोप लगाया है। कुरैशी ने इस बारे में सुप्रीमकोर्ट में सरकार के खिलाफ याचिका भी दाखिल की है। इस याचिका पर सुनवाई के बाद गुरूवार को सुप्रीमकोर्ट ने केन्द्र से छह सप्ताह में जवाब मांगा है।

कुरैशी ने याचिका में कहा है कि केन्द्र की मोदी सरकार उन्हें गैरकानूनी रूप् से हटाना चाह रही है।
हालांकि केन्द्र सरकार ने राज्यपाल कुरैशी को हटाने का अभी तक कोई औपचारिक आदेष नहीं दिया है। पर कुरैशी ने याचिका में उन पर इस्तीफे का दबाव बनाए जाने की शिकायत की है। कुरैशी की याचिका को मंजूर करते हुए सुप्रीमकोर्ट ने मामले को 5 जजों की संविधान पीठ को भेज दिया है।

कुरैशी ने याचिका में बताया है कि 30 जुलाई को ग्रह सचिव ने उन्हें फोन करा था और इस्तीफा देने कहा था। जबकि संविधान के मुताबिक राज्यपाल को सिर्फ राष्ट्रपति ही हटा सकते हैं। ऐसे में ग्रहसचिव का इस्तीफे के लिए दबाव बनाना गैरकानूनी है। कुरैशी ने कहा है कि उन्हें पांच साल का कार्यकाल पूरा करने दिया जाए।

संविधान में भी स्पष्ट है कि राज्यपाल राष्ट्रपति की मर्जी से पांच साल तक अपने पद पर बने रह सकते हैं। इससे पहले अगर राज्यपाल को हटाया जाना होता है तो इस बारे में राष्ट्रपति ही मंजूरी जरूरी होती है।

सुप्रीमकोर्ट इस तरह के एक मामले में पहलेभी एक फैसला दे चुका है कि केन्द्र सरकार के बदलने से राज्यपाल को नहीं बदला जा सकता। राज्यपाल अगर केन्द्र सरकार की नीतियों से सहमत न हो तब भी हटाने का यह आधार नहीं बन सकता। सिर्फ राष्ट्रपति ही बिना कारण बताए राज्यपाल को हटा सकते हैं। पर अगर इस फैसले को कोर्ट में चुनौती दी जाती है तो कारण बताना जरूरी होगा।

यूपीए सरकार के कार्यकाल में राज्यपाल बनाए गए कुरैशी कोर्ट के इसी फैसले को आधार बनाकर पद पर बने रहना चाहते

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