सिरोही। ओटाबा का संबोधन इसलिए क्योंकि वर्तमान गोपालन मंत्री जब पहली बार विधायकी लड़ने देवनगरी आये थे उस वक्त अमेरिका में ओबामा के हल्ले-गुल्ले थे।
चतुर नेता जी के चापलूस समर्थको ने तत्काल ही ये नारा देकर की “अमेरिका में ओबामा और सिरोही में ओटाबा ” । अब इसे मौका कहे की नसीब की एक बार फिर से ओबामा की आमद की चर्चा है तो सिरोही में “ओटाबा” की सक्रियता की चर्चा है । चर्चा जब “ओटाबा” की सक्रियता की हुई तो मैं भी चौंका। कि आखिर “शक्ति” बाण से अचेतावस्था में पडे मंत्री जी जाग कैसे गये ? इस राज का खुलासा शाम को खुद मंत्रीजी ने कर दिया।
उन्होंने बताया कि भाई अब तो हम भी भाजपा में “सक्रिय“ हो गये हैं। और इसके बाकायदा यह दलील भी दी की ऑनलाइन सदस्यता अभियान के तहत सौ प्राथमिक सदस्य बनाने पर सक्रिय सदस्य मान लिया जाता है और हमने तो 152 बना लिये, ऐसे में हम भाजपा के सक्रिय सदस्य हुए हैं।
अपनी टांय-टांय फिस्सँ । पता चला कि सिरोही के लिए नेताजी को सक्रिय होने में अभी समय लगेगा। क्योंकि जिस तरह 152 सदस्य बनाकर उन्होंने अपनी उपलब्धी गिनायी है ठीक उसी तरह जनहित के 152 मूलभूत आवश्यकताओं के काम गिनाने में तो शायद उनको सालों लग जायें। मंत्री जी को देवनगरी की जनता से किये वादे आये या न आये पर ऐसे मौके पर भैया हमको तो एक नमालूम शायर की यह पंक्तियां याद आ गई….
जगते रहिये जमाने को जगाते रहिये
खैरियत खैरियत का शोर मचाते रहिये
वे जो सह ले, न कहे उनको सहाते रहिये
वरना कह दे तो, मियां! चेहरा छिपाते रहिये।
शमा यादों की मजारो पर जलाते रहिये
रोज बेबसी का जश्न मनाते रहिये।
या तो खा जाइये, या रहिये निवाला बनकर
शाम के भोज का दस्तूर निभाते रहिये।