नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तरप्रदेश के मंत्री आजम खान को कल (बुधवार को) हाईकोर्ट में दो बजे पेश होने को कहा है।
आजम खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक मामले में उपस्थित न होने पर वारंट जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उनकी अर्जी पर सुनवाई करते हुए कहा कि वे हाईकोर्ट में सरेंडर कर अपना पक्ष रखें। हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म खां अपने खिलाफ जारी वारंट के मामले को लेकर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। आज़म ने हाईकोर्ट के समन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी। उनके खिलाफ जल निगम में हुई नियुक्ति के मामले में वारंट जारी हुआ था।
वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने इस मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में जल्द सुनवाई की मांग की लिहाजा सुप्रीम कोर्ट ने अपराह्न मंगलवार को दो बजे के बाद सुनवाई मुकर्रर कर दी। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि चूंकि हाईकोर्ट ने जमानती वारंट जारी किया है इसलिए वह कल दो बजे हाईकोर्ट के समक्ष पेश हों।
कोर्ट ने कहा कि वे हाईकोर्ट में सरेंडर कर अपना पक्ष रखें। दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खण्डपीठ ने पिछली सुनवाई के दौरान जल निगम में इंजीनियर के सेवा संबंधी मामले में मंत्री आज़म खां, जल निगम के प्रबंध निदेशक तथा मुख्य अभियंता को तलब किया था।
इसके बाद निवर्तमान एमडी पी.के. आसुदानी (28 फरवरी, 2017 को सेवानिवृत्त) और मुख्य अभियंता आर.पी. सिन्हा तो आए लेकिन आज़म खान नहीं आए। इस पर अदालत ने कड़ा रूख अपनाते हुए जल निगम के चेयरमैन के तौर पर आज़म खान के खिलाफ वारण्ट जारी किया था।
न्यायाधीश सुधीर अग्रवाल और न्यायाधीश रविन्द्र नाथ मिश्रा द्वितीय की खण्डपीठ ने जल निगम की ओर से दायर याचिका पर यह आदेश जारी किए थे। गौरतलब है कि जल निगम के अधिशासी अभियन्ता धीरेन्द्र कुमार सिंह के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की गई थी।
याची धीरेन्द्र ने राज्य सेवा अधिकरण में याचिका दायर कर कहा कि उसके खिलाफ विभाग द्वारा जारी किए गए आरोप पत्र में अधिकृत अधिकारी के हस्ताक्षर ही नहीं है। कई अन्य खामियों की भी बात याची की वकील सविता जैन ने अधिकरण के समक्ष रखी थी।
इस सुनवाई के बाद अधिकरण ने याचिका स्वीकार कर ली थी। वहीं इसके खिलाफ जल निगम की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अधिकरण के फैसले को चुनौती दी गई थी। जिसमें याची के खिलाफ विभागीय कार्यवाही वाले जल निगम के जारी आदेश को सही ठहराया गया। अदालत ने सुनवाई के बाद ही आज़म समेत अधिकारियों को तलब किया था।