जयपुर। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे राजस्थान विधानसभा में बुधवार को प्रदेश का बजट पेश करेंगी। यह राजे सरकार का चौथा बजट होगा। उम्मीद जताई जा रही है कि कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, उद्योग और इंफ्रास्ट्रक्चर का बजट में खास ध्यान रखा जाएगा।
इसी दिन मुख्यमंत्री राजे का जन्मदिन भी है। ऐसे में राजे अपने जन्मदिन पर प्रदेशवासियों को ढेरों सौगात बांटने की तैयारियां कर रही हैं। साथ ही अन्तराराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं को भी कई सौगातें दे सकती हैं। सरकार का दावा है कि राजे के कुशल वित्तीय प्रबंधन से प्रदेश के आर्थिक विकास को गति मिली है।
माना जा रहा है कि अब इस बजट से प्रदेश के हर क्षेत्र को आगे बढ़ने का सम्बल मिलेगा। बजट में लोकलुभावन घोषणाओं के साथ आर्थिक ढांचा सुदृढ करने के भी प्रयास होंगे। इस बार भी बजट से सभी को बेहद उम्मीदें हैं। इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट पर मुख्यमंत्री का हमेशा फोकस रहा है।
रियल एस्टेट का बढ़ावा देने के लिए इस बजट में रजिस्ट्री और स्टाम्प ड्यूटी में विसंगतियां को दूर करने के साथ ही दरें कम करने घोषणा का भी सभी को इंतजार रहेगा। इस बार का बजट चुनावी साल के बजट से एक साल पहले का है। ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तरह चुनावी वर्ष में सरकार घोषणाओं- योजनाओं की झड़ी नहीं लगाना चाहती।
सरकार के पास फीडबैक है कि गहलोत सरकार ने अंतिम साल में जिस तरह से घोषणाओं की झड़ी लगाई थी, उनका जनता पर कोई प्रभाव नहीं हुआ उल्टा जनता में गलत संदेश गया था। इसके चलते कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।
ऐसे में माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री राजे इस बजट में कई ऐसी घोषणाएं कर सकती है, जो आमतौर पर सरकारें अपने कार्यकाल के अंतिम बजट के लिए बचाकर रखती हैं। शिक्षा, चिकित्सा क्षेत्र से जुडी कई बडी घोषणाएं इस बजट में संभव है। विकास को बढावा देने के उद्देश्य से एमएलए लैड फंड को भी बढाने पर निर्णय किया जा सकता है।
राजस्थान में नए जिलों के गठन की मांग लंबे समय से उठती रही है। उम्मीद है कि सरकार इस बजट में राज्य में दो से चार तक नए जिले बनाने की घोषणा कर सकती है। फिलहाल 33 जिले हैं, इनकी संख्या 37 तक हो सकती है।
सरकार ने नए जिलों के गठन के पूर्व आईएएस परमेश चंद की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था। इस समिति की रिपोर्ट के आधार पर ही नए जिलों का गठन किया होगा। ग्रामीण गौरव पथों की तर्ज पर शहरी गौरव पथ बनाने और मिसिंग लिंक्स बढाने पर भी घोषणाएं संभव है।
गांवों में नए कृषि कनेक्शनों, नहरी सुदृढीकरण, मंडियों के आधुनिकीकरण पर भी मुख्यमंत्री का फोकस रहेगा। राज्य कर्मचारियों को भी इस बजट में खुशखबरी मिल सकती है। माना जा रहा है कि इस बजट में मुख्यमंत्री वेतन आयोग का लाभ देने की घोषणा कर सकती है।
आर्थिक संकट से जूझ रही राजस्थान सरकार इस सातवें वेतन आयोग का लाभ देती है, तो उस पर दस हजार करोड रूपए का आर्थिक भार आएगा। हालांकि सरकार ने सातवें वेतन आयोग को लेकर एक समिति का गठन किया गया है। यह समिति रिपोर्ट के आधार पर ही नए वेतन आयोग की सिफरिशें लागू की जाएगी।
बजट महिला दिवस यानि 08 मार्च को पेश हो रहा है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि अपने जन्मदिवस के दिन सीएम महिलाओं के लिए कुछ नया दे सकती हैं। महिला आधारित कुटीर उद्योगों, महिला स्वयं सहायता समूहों को बढावा देने के लिए भी मुख्यमंत्री घोषणाएं कर सकती है। सरकार इस बार टैक्स कलेक्शन में कमी और वेतन आयोग की सिफारिशों के भार तले दबी है। लिहाजा प्रस्तावित बजट में विभागों के खर्च में भारी कटौती कर सकती है।
वित्त विभाग की बजट 2017-18 के लिए जारी टेंटेटिव प्लान सीलिंग में में कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, उद्योग और इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े महकमों के योजनागत बजट में पिछली साल के मुकाबले करीब सात हजार करोड़ रुपए की कटौती की गई है। मौजूदा बजट के लिए जो संशोधित अनुमान को भी लगभग पांच से छह हजार करोड़ रुपए तक घटाया गया है।
कई विभागों के बजट में 30 प्रतिशत तक की कटौती हुई है। हालांकि पिछले वित्त वर्ष में भी सरकार ने अपने बजट अनुमानों को घटाया था। बताया गया है कि विभागों को जितना बजट दिया जाता है वह उसका 70 से 80 फीसदी खर्च पा रहे हैं। ऐसे में वित्त विभाग उनके वास्तविक खर्च के आधार पर सीलिंग कम कर रहा है।
बजट में तम्बाकू और सिगरेट पर टैक्स वृद्धि संभव हैं वही दोपहिया और चारपहिया वाहन उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री बड़ी घोषणाएं कर सकती हैं। इसके अलावा रिसर्जेंट राजस्थान में हुए एमओयू को मूर्त रूप देने के लिए टैक्स छूट और जमीन उपलब्धता को लेकर घोषणाएं की जा सकती हैं।