सबगुरु न्यूज-माउण्ट आबू। माउण्ट आबू की अपनी क्रेडिट को-आॅपरेटिव सोसायटी के एमडी राकेश अग्रवाल उर्फ बाॅबी ने गुरुवार को माउण्ट आबू पुलिस के सामने अपने अधिवक्ता की मौजूदगी में सरेंडर कर दिया।
माउण्ट आबू थानाधिकारी भूपेंद्रसिंह शेखावत ने सबगुरु न्यूज को बताया कि माउण्ट आबू थाने में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद अपनी क्रेडिट को-आॅपरेटिव सोसयटी के एमडी को ढूंढने के लिए कई दल गठित किए गए थे। सभी आवश्यक और संभावित स्थानों पर पुलिस दबिश दे रही थी और तलाशी भी कर रही थी।
इस बीच गुरुवार को राकेश अग्रवाल ने अपने अधिवक्ता की मौजूदगी में माउण्ट आबू पुलिस थाने में सरेंडर कर दिया। शेखावत ने बताया कि वही इस मामले की जांच भी कर रहे हैं। राकेश अग्रवाल को न्यायालय में पेश करके पुलिस रिमांड लिया जाएगा।
राकेश अग्रवाल पर सोसायटी के सदस्यों के द्वारा निवेश की गई करोडों रुपये की राशि के गबन और अनियमित इस्तेमाल करने का आरोप निवेशक लगा रहे हैं।
-क्या है मामला
माउण्ट आबू में अपनी क्रेडिट को-आॅपरेटिव सोसायटी और अर्बुदा क्रेडिट को-आॅपरेटिव सोसायटी नाम से पंजीकृत मल्टी स्टेट को-आॅपरेटिव सोसायटी के संचालकों पर यह आरोप है कि उन्होंने लोगों की जमाओं पर अवैधानिक तरीके से स्वयं और अपने करीबियों को ऋण दिए।
इस सोसायटी की शाखाओं का गुजरात में भी विस्तार किया गया। सोसायटी में निवेश करने वाले सदस्यों की जमाओं को समय पर वापस नहीं लौटाया। इससे जमाकर्ताओं ने गुजरात में कई पुलिस थानों में रिपोर्ट दर्ज करवाई। वहीं माउण्ट आबू में सोसायटी में निवेश करने वाले सदस्यों ने माउण्ट आबू पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज करवाई।
गुजरात में इस मामले को लेकर निवेशकों में काफी रोष देखते हुए राज्य सरकार ने इस प्रकरण की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी। गुजरात पुलिस कई बार इस प्रकरण की जांच के लिए माउण्ट आबू आई। इधर, गुजरात पुलिस की अति सक्रियता से राजस्थान पुलिस भी इस मामले में गंभीरता से काम करने लगी।
सभी संभावित ठिकानों पर दबिश ओर तलाशी करने के दबाव के परिणामस्वरूप राकेश अग्रवाल ने गुरुवार को माउण्ट आबू पुलिस स्टेशन में सरेंडर किया। इस दौरान राकेश अग्रवाल का भाई भाजपा के पार्षद रिंकू अग्रवाल और बाॅबी के अधिवक्ता भी वहां पर थे।
-सोशल मीडिया पर चल रहा था अभियान
सोशल मीडिया पर माउण्ट आबू के निवेशकों तथा एजेंटों ने अपनी और अर्बुदा क्रेडिट को-आॅपरेटिव सोसायटी के संचालक और एमडी राकेश अग्रवाल उर्फ बाॅबी के खिलाफ जबरदस्त अभियान चलाया हुआ था। इसमें बाॅबी उर्फ राकेश अग्रवाल के भाजपा कई स्थानीय और प्रदेश स्तरीय नेताओं के साथ फोटो भी वायरल हुए थे।
इसके बाद पुलिस पर यह भी आरोप लग रहे थे कि वह भाजपा के स्थानीय और प्रदेश स्तरीय नेताओं के दबाव में बाॅबी को गिरफतार नहीं कर रही है। बाॅबी स्वयं भी भाजपा के सहकारिता प्रकोष्ठ का जिला उपाध्यक्ष रहा हुआ है। ऐसे में सोसायटी में अपना पैसा डूबने की आशंका में चिंतित लोगों ने का पुलिस और प्रशासन पर सत्ताधारी पार्टी के स्थानीय नेताओं के दबाव में उसे गिरफ्तार नहीं करने का भी आरोप लगाया।
इन समूहों में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष समेत स्थानीय नेताओं को भी जोडा गया। दो दिन पहले ही बाॅबी के नाम से ही व्हाट्स एप के जरिए निवेशाकों की अलग-अलग समितियां बनाकर उनके नाम की जमीनें समितियों के नाम करके पैसा लौटाने का संदेश भी आया था।