सूरत। भाजपा विश्व की सबसे बड़ी पार्टी का जश्न भी अभी ठीक से नहीं मना पाई और लोगों ने उसके सदस्यता अभियान पर सवाल उठाने शुरू कर दिए।
लोगों का आरोप है कि मिस्डकॉल किए बगैर ही उन्हें भाजपा की प्राथमिक सदस्यता दे दी गई है। इनमें कई ऐसे लोग भी शामिल हैं जो औपचारिक रूप से कांग्रेस पदाधिकारी हैं। इन मामलों के सामने आने के बाद भाजपा के दस करोड़ से अधिक सदस्यों के दावे पर संदेह गहरा गया है।
भाजपा ने पिछले दिनों सदस्यता अभियान के लिए अभिनव प्रयोग करते हुए मिस्डकॉल का फंडा लोगों के सामने रखा था। यह प्रयोग इतना सफल रहा कि भाजपा देश ही नहीं दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बन गई थी। पार्टी की सदस्यता का आंकड़ा दस करोड़ पार करने पर सूरत समेत देशभर में जश्न मनाया गया था।
थोड़े समय के भीतर ही इस जश्न की चमक फीकी पडऩे लगी। लगातार ऐसे कई मामले सामने आए जिनमें मिस्ड कॉल किए बगैर ही लोग भाजपा के सदस्य बन गए। यहां तक कि कांग्रेस कार्यकर्ता और पदाधिकारियों को भी नहीं बख्शा गया। मिस्डकॉल के लिए धन्यवाद देने के साथ ही भाजपा ने उन्हें भी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता थमा दी।
अभियान की सफलता पर विवाद की शुरुआत इन्हीं संदेशों से हुई। लोगों ने आरोप लगाया कि मिस्डकॉल किए बगैर उन्हें भाजपा का सदस्य कैसे बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मिस्डकॉल के बाद किसी को सदस्य बनाने से पहले पार्टी को अमुक नंबर पर बात करनी चाहिए थी।
उन्होंने आरोप लगाया कि मिस्डकॉल करने का डेटा मोबाइल कंपनियों के पास भी नहीं होता इसलिए यह साबित करना बहुत मुश्किल है कि मिस्डकॉल किया गया या नहीं। भाजपा ने भी ऐसी कोई सूची जारी नहीं की जिसमें प्रमाण के साथ बताया जा सके कि कितने मिस्डकॉल पार्टी के टॉलफ्री नंबर पर आए। जिससे अभियान की प्रामाणिकता संदिग्ध नजर आ रही है।
यह साबित करना मुश्किल
अब यह साबित करना तो मुश्किल है कि मिस्डकॉल किया था या नहीं। पार्टी महासंपर्क अभियान शुरू कर रही है जिसमें उन लोगों से संपर्क किया जाएगा जो मिस्डकॉल से सदस्य बने हैं। इस अभियान में ऐसे लोग छंट जाएंगे जिन्हें किसी गलती की वजह से सदस्य बना दिया गया है।
सीआर पाटिल, सांसद, नवसारी