नई दिल्ली। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यूआईडीएआई ने विभिन्न प्रकार की गड़बडिय़ों के लिए करीब 1,000 ऑपरेटरों को या तो काली सूची में डाल दिया है या निलंबित कर दिया है। वहीं करीब 20 लोगों के खिलाफ एफआईआर दायर की गई है। इन ऑपरेटरों पर आधार नामांकन के लिए शुल्क लेने आदि के आरोप लगे हैं।
प्राधिकरण ने इन प्रत्येक ऑपरेटरों पर 10,000-10,000 रुपए का जुर्माना लगाया है और साथ ही उन्हें अपने सिस्टम से हटा दिया है।
यूआईडीएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय भूषण पांडे ने कहा कि हमें कुछ शिकायतें मिली हैं। ज्यादा शुल्क लेने को कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। दिसंबर, 2016 से हमने ऐसे करीब 1,000 ऑपरेटरों की पहचान की है। पिछले तीन माह के दौरान हमने इन ऑपरेटरों को अपने सिस्टम से हटा दिया है। उन पर 10,000-10,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया जा रहा है।
सिस्टम से हटाने का मतलब है कि ये ऑपरेटर देश में अब कहीं भी आधार के लिए नामांकन नहीं कर पाएंगे।यूआईडीएआई 12 अंक की विशिष्ट पहचान संख्या जारी करने वाला नोडल निकाय है।
प्राधिकरण ने यह कार्रवाई इस बारे मेंं शिकायतें मिलने के बाद की है कि कुछ आपरेटरों नामांकन के लिए शुल्क ले रहे हैं, जबकि यह सेवा निशुल्क है। इसी तरह कुछ मामलों में ऑपरेटर आधार ब्योरे के अद्यतन के लिए अधिक शुल्क ले रहे हैं, जबकि इसका शुल्क 25 रुपए तय है।