नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आम आदमी के जीवन में ‘अपरिवर्तनीय बदलाव’ लाने के लिए आधार को एक प्रमुख शक्ति बताते हुए गुरुवार को कहा कि बेनामी संपत्ति के मामले में भी अब आधार का उपयोग किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि आधार को मोबाइल और जन-धन से जोड़कर हमने एक ऐसी प्रणाली बनाई है, जिसकी कुछ साल पहले कल्पना नहीं की जा सकती थी।
मोदी ने हिंदुस्तान टाइम्स शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले तीन सालों में आधार की मदद से करोड़ों फर्जी नामों को प्रणाली से हटा दिया गया है। अब यह बेनामी संपत्ति के खिलाफ बड़ा हथियार बनने वाला है।
उन्होंने कहा कि देश ने नोटबंदी के बाद व्यवहारिक परिवर्तन देखा है, जिसने ‘स्वच्छ और स्वस्थ अर्थव्यवस्था’ बनाने में मदद की।
मोदी ने आगे कहा कि आजादी के बाद पहली बार भ्रष्टाचारी लोग काले धन के लेन-देन से डरे हैं। वे पकड़े जाने से डरते हैं। काला धन जो पहले समानांतर अर्थव्यवस्था का आधार था, अब औपचारिक अर्थव्यवस्था का हिस्सा बन गया है।
मोदी ने आधार की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए कहा कि अपरिवर्तनीय बदलाव को आधार से बढ़ावा मिल रहा है। आधार ऐसी शक्ति है, जिसके माध्यम से यह सरकार गरीबों के अधिकारों को सुनिश्चित करना चाहती है। यह सब्सिडी वाले राशन, छात्रवृत्ति, दवाइयों, पेंशन और अन्य सरकारी सब्सिडी प्रदान करने में भी बड़ी भूमिका निभा रहा है।
उन्होंने कहा कि जिस दिन देश डिजिटल के जरिए अधिकतम लेनदेन अपनाएगा, संगठित अपराध कुछ हद तक समाप्त हो जाएगा। मोदी ने कहा कि ‘बड़े परिवर्तन’ आसानी से नहीं आते हैं और इसके लिए ‘पूरे तंत्र को प्रयास करने की जरूरत है।’
मोदी ने कहा कि हम व्यापार रैंकिंग में अपना स्थान 142 से 100 आसानी से कर सकते हैं, लेकिन तभी जब हम बड़े परिवर्तन के लिए पहल करते हैं।