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आप ने कपिल मिश्रा के आरोपों को नकारा, बताया भाजपा की साजिश - Sabguru News
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आप ने कपिल मिश्रा के आरोपों को नकारा, बताया भाजपा की साजिश

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आप ने कपिल मिश्रा के आरोपों को नकारा, बताया भाजपा की साजिश
AAP dismisses kapil mishra's money laundering claims as bjp conspiracy
AAP dismisses kapil mishra's money laundering claims as bjp conspiracy
AAP dismisses kapil mishra’s money laundering claims as bjp conspiracy

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी ने मंत्रिमंडल और पार्टी से बर्खास्त किए गए कपिल मिश्रा द्वारा रविवार को लगाए गए पार्टी चंदों में अनियमितता के नए आरोपों को खारिज किया है।

आप नेता संजय सिंह ने भारतीय जनता पार्टी पर आप को खत्म करने की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए कहा कि है कि पार्टी ने सभी नियमों का पालन किया है।

संजय सिंह ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भाजपा और केंद्र सरकार आप को खत्म करना चाहती है तथा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद कजेरीवाल को बदनाम करना चाहती है।

संजय सिंह ने कहा कि यह आप की मान्यता और पंजीकरण रद्द करने की साजिश है, जिसमें भाजपा का पूरा हाथ है।

कपिल मिश्रा जो भी कहते हैं, भाजपा वही दोहराती है और भाजपा जो कहती है, वही कपिल मिश्रा दोहराते हैं। भाजपा के नेता जब भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलते हैं तो ऐसा लगता है जैसे, डाकू गब्बर सिंह अहिंसा की बात कर रहा हो।

संजय ने पार्टी पर चंदों को लेकर अनियमितता के संबंध में मिश्रा द्वारा दिखाए गए चेक की वैधता पर भी सवाल उठाए।

संजय ने कहा कि 35-35 करोड़ रुपए के चेक दिखाए गए। किसी ने नहीं पूछा कि ये चेक आए कहां से। फर्जी चेक दिखाए गए। यह तो कोई भी कर सकता है।

यहां तक कि मैं भी भाजपा के नाम पर जारी 70 करोड़ रुपए के चेक दिखा सकता हूं। भाजपा नेताओं से मैं कहना चाहता हूं कि वे मिश्रा के कंधे पर रखकर बंदूक चलाना बंद करें।

संजय ने कहा कि राजनीतिक चंदों से जुड़ी अनियमितता के खिलाफ जारी अदालत के आदेश से बचने के लिए भाजपा ने तत्काल प्रभाव से कानून ही बदल डाला।

संजय ने सवालिया लहजे में कहा कि भाजपा और कांग्रेस ने अपने चंदों की 70-80 फीसदी धनराशि के बारे में कोई खुलासा नहीं किया। बीते 10 वर्षो के दौरान यह राशि कुल 1,000 करोड़ रुपए के बराबर बैठती है।

उनका कहना है कि चंदे की यह 70-80 फीसदी धनराशि अज्ञात स्रोतों से मिली। वे स्रोतों का खुलासा करने को तैयार नहीं हैं कि क्या यह राशि हवाला के जरिए आई या विदेशी कंपनियों या संगठनों के जरिए।”

संजय ने कहा कि नोटबंदी के बाद देश की अर्थव्यवस्था में 14.5 लाख करोड़ रुपये की राशि पुराने नोटों के रूप में मौजूद थी, लेकिन बैंकों में कुल 17 लाख करोड़ रुपये जमा हुए।

उन्होंने कहा कि यह 2.5 लाख करोड़ रुपए किसके थे? क्या यह राशि भाजपा की थी, कांग्रेस की थी या आतंकवादियों की थी? भारतीय रिजर्व बैंक भी इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दे रही। व्यापक भ्रष्टाचार के बावजूद सरकार चुप्पी साधे हुए है।