चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी के नेता एवं वरिष्ठ वकील एच. एस. फुल्का ने मंगलवार को पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। फुल्का ने 1984 के सिख दंगा पीड़ितों के लंबित मुकदमों को लड़ने में समय देने के उद्देश्य से इस्तीफा दिया है।
फुल्का ने विधानसभा अध्यक्ष राणा के. पी. सिंह को मंगलवार को अपना त्यागपत्र सौंप दिया।फुल्का को दिल्ली बार काउंसिल द्वारा विभिन्न अदालतों में सिख दंगा पीड़ितों का मुकदमा लड़ने से अयोग्य करार दिए जाने का निर्देश जारी करने के चलते इस्तीफा देना पड़ा है।
दिल्ली बार काउंसिल ने कहा कि फुल्का बतौर नेता प्रतिपक्ष लाभ के पद पर हैं, जिसकी बदौलत उन्हें राज्य के कैबिनेट मंत्री को मिलने वाली सुख सुविधाएं हासिल हैं। फुल्का के इस्तीफा देने के बाद आप को अब पंजाब विधानसभा में अपना नया नेता चुनना होगा।
फुल्का ने इससे पहले कहा था कि वह पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल से नया नेता प्रतिपक्ष चुनने के लिए कह चुके हैं और इस पद के लिए उन्होंने सुखपाल सिंह खैरा, कंवर संधू और अमन अरोड़ा के नाम भी सुझाए थे।
फुल्का ने कहा था कि मैं दंगा पीड़ितों के अधिकारों के लिए लड़ना जारी रखूंगा, जो मैं पिछले कई वर्षो से करता आ रहा हूं।
पंजाब में इसी वर्ष फरवरी में हुए चुनाव में 117 सदस्यीय विधानसभा में 20 विधायकों के साथ आप दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और उसे नेता प्रतिपक्ष का पद मिला।