नई दिल्ली। आप राष्ट्रीय परिषद् के द्वारा अभी तक राष्ट्रीय कार्यकारणी से बाहर किए गए योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण को अब पार्टी से भी बाहर किया जा सकता है। हालही में आम आदमी पार्टी द्वारा जारी बयानों से इस बात के संकेत मिले है।
पार्टी ने बयान जारी करके कहा है कि पार्टी की राष्ट्रीय परिषद ने फैसला लिया है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों मे शामिल होने या पार्टी की लाइन से हटकर बयानबाजी करने वाले नेताओं को पार्टी किसी भी तरह से बर्दाश्त नहीं करेगी। पार्टी के मुताबिक पार्टी लाइन से हटकर पार्टी विरोधी बयान देने वालो को कभी भी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।
पार्टी के इस बयान के बाद अब योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण सहित, अजीत झा,आनंद कुमार,धर्मवीर गाँधी सहित अन्य यादव गुट के लोगों पर कार्रवाई हो सकती है। सूत्रों की माने तो पार्टी किसी भी समय सभी को कारण बताओ नोटिस भी जारी कर सकती है।
वहीं पार्टी के खिलाफ साजिश रचने के चलते आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारणी से निकाले गए आप नेता अपने निष्कासन के खिलाफ अदालत या चुनाव आयोग का रुख कर सकते हैं।
पार्टी राष्ट्रीय परिषद की बैठक को असंवैधानिक और अवैध करार देते हुए आप नेता योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण ने कहा कि उनके पास सारे विकल्प खुले हुए हैं।
केजरीवाल पर तानाशाही प्रवृति अपनाने का आरोप लगाते हुए प्रशांत ने कहा कि फैसले को चुनौती देने के लिए सभी विकल्प खुले हैं। उन्होंने कहा कि यह सही है कि हम अदालत, चुनाव आयोग जा सकते हैं या राष्ट्रीय परिषद की दूसरी बैठक बुला सकते हैं।
बैठक के अंदर का ब्यौरा देते हए दोनों नेताओं ने केजरीवाल पर सुनियोजित तरीके से असंतुष्ट नेताओं के खिलाफ राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों को उकसाने का आरोप लगाया जिसमें कुछ सदस्यों के साथ धक्कामुक्की की गई।
आज एक समय ऐसा भी आया जब राष्ट्रीय परिषद की बैठक से पहले यादव करीब 20 मिनट तक परिसर के बाहर धरने पर बैठे। उन्होंने आरोप लगाया कि परिषद के सदस्यों के उस वर्ग को बैठक में शामिल होने के लिए भीतर आने की अनुमति नहीं दी गई जो अरविंद केजरीवाल खेमे के विरोधी हैं।
बैठक से कुछ ही घंटों पहले यादव ने एक पत्र सार्वजनिक किया जो आप के आंतरिक लोकपाल रामदास ने पार्टी नेतृत्व को लिखा था। पूर्व नौसेना प्रमुख ने इस पत्र में इस बात पर आश्चर्य जताया है कि पार्टी ने विवाद से बचने के लिए उन्हें बैठक में शामिल नहीं होने को कहा है ।
इस पत्र में रामदास ने उस एसएमएस का हवाला दिया है जो उन्हें आप महासचिव पंकज गुप्ता ने भेजा है। इस एसएमएस में पार्टी ने उन्हें बैठक में भाग नहीं लेने के लिए कहने के कई कारण बताए है।