नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक आपत्तिजनक सीडी सामने आने के बाद बुधवार को महिला एवं बाल कल्याण मंत्री संदीप कुमार को पद से हटा दिया।
केजरीवाल ने अपने मंत्री के खिलाफ कार्रवाई के संबंध में स्वयं ट्वीट कर जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मंत्री संदीप कुमार की ‘आपत्तिजनक’ सीडी मिली है। आप सार्वजनिक जीवन में मर्यादा के लिए खड़ी है। यही कारण है कि इससे समझौता नहीं किया जा सकता है। उसे मंत्रिमंडल से तत्काल प्रभाव से हटाया जा रहा है।
संदीप कुमार केजरीवाल सरकार के करीब डेढ़ वर्षों के कार्यकाल में तीसरे ऐसे मंत्री हैं, जिन्हें पद से हटाया गया है। इससे पहले जून 2015 में कानून मंत्री जितेंद्र तोमर और अक्टूबर, 2015 में खाद्य आपूर्ति मंत्री आसिम अहमद खान को भी विवादों में घिरने के बाद मंत्री पद से हाथ धोना पड़ा था।
सुलतान पुर माजरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक संदीप कुमार एक सीडी में किसी महिला के साथ आपत्तिजनक अवस्था में दिखाई दिए थे। इसमें नौ मिनट की वीडियो है, जिसमें मंत्री संदीप दिखाई दे रहा है। पंजाब चुनाव से पहले मंत्री का सेक्स स्कैंडल केजरीवाल सरकार के लिए बडा झटका माना जा रहा है।
इस मामले पर केजरीवाल से उनके आवास पर मुलाकात के बाद उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पत्रकारों से कहा कि आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टोलरेंस के तहत काम करती है। उन्होंने कहा कि इस तरह के मामले सामने आने के बाद किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा चाहे उसमें अरविंद केजरीवाल ही क्यों न हों।
मंत्री पद गंवाने वाले संदीप छूते थे पत्नी के पैर
सेक्स स्कैंडल में मंत्री पद गंवाने वाले संदीप कुमार दिल्ली की सुल्तानपुर माजरा सीट से एमएलए चुने गए। महिला एवं बाल विकास मंत्री रहे संदीप ने बीते साल महिला दिवस के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में दावा किया था कि वे रोज सुबह उठकर अपनी पत्नी के पैर छूते हैं और उनकी पत्नी भी आशीर्वाद के तौर पर ‘खूब तरक्की करो’ कहती हैं। उनकी इस बात पर कार्यक्रम में तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी थी।
भिखारियों को हटाने के भी छेडी थी मुहीम
संदीप कुमार दिल्ली की सड़कों से भिखारियों को हटाने के लिए अभियान छेड़ने को लेकर चर्चा में आए थे। इस योजना के तहत भिखारियों को सड़क से उठाकर राज्य सरकार की ओर से संचालित केंद्र में ले जाना था। हालांकि इस योजना में भिखारियों के पुनर्वास के उपाय शामिल नहीं किए जाने को लेकर कई सामाजिक कार्यकर्ता इस विरोध कर रहे थे। तब सीएम केजरीवाल ने इस योजना को ‘अमानवीय’ और ‘निरर्थक’ बताते हुए इस पर रोक लगा दी थी।