चंडीगढ़। दिल्ली चुनाव की तर्ज पर पंजाब विधानसभा चुनाव 2017 में आम आदमी पार्टी अपना पूरा दम लगाने वाली है शायद इसलिए मुकाबला बराबरी का रखने के लिए अरविंद केजरीवाल खुद कैप्टन अमरेंद्र के गढ़ यानि के पटियाला से चुनाव लड़ने का मन बना रहे हैं।
एसवाईएल मुद्दे पर हाशिए पर आने के बाद चुनाव प्रचार को ‘आकर्षण’ का केंद्र बनाने के लिए कांग्रेस और अकालियों के सामने ‘आप’ ने ठोस चेहरों को मन बना लिया है।
दिल्ली चुनाव में अरविंद केजरीवाल ने शीला दीक्षित के सामने चुनाव लड़ पार्टी और वर्करों का मनोबल बढ़ाया था और शीला दीक्षित को 25 हजार वोटों से करारी मात दी थी, उसी तर्ज पर यदि पंजाब में उम्मीदवार लांच किए जाएं तो पार्टी को इसका फायदा मिल सकता है और वर्करों में जोश दोगुना हो सकता है।
कांग्रेसी जहां आम आदमी पार्टी को अकाली दल की बी टीम कहते हैं, उसी तरह अकाली दल के नेता केजरीवाल की पार्टी को कांग्रेस के साथ मिले होने का अारोप लगा रहे हैं, लिहाजा पंजाब के लोगों के भ्रम को दूर करने के लिए आम आदमी पार्टी यह बड़ा पत्ता खेल सकती है।
सूत्रों के अनुसार पटियाला में आप पूर्व मुख्यमंत्री और पंंजाब कांग्रेस के प्रधान कैप्टन अमरेंद्र सिंह के खिलाफ जहां अरविंद केजरीवाल को उतार सकती है, वहीं यूथ अकाली दल के सरपरस्त और पंजाब के कैबिनेट मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया के सामने अपने फायर ब्रांड कुमार विश्वास को उतार कर चुनाव को रोचक बना सकती है।
इसी तरह मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के खिलाफ आम आदमी पार्टी के स्टार प्रचारक, संगरूर से एम.पी. और पंजाब के लोकप्रिय कामेडियन भगवंत मान को जबकि उप-मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ संजय सिंह को उम्मीदवार बना सकती है।
इसके अलावा कांग्रेस, अकाली दल और भाजपा के बड़े नेताओं के खिलाफ पार्टी फिल्म स्टार, क्रिकेटर या अन्य सैलेब्रिटीज को चुनाव मैदान में उतारने की रणनीति बना रही है। बेशक अभी तस्वीर साफ होने में 3-4 महीने लगेंगे परंतु सूत्रों के अनुसार आम आदमी पार्टी बड़ी तोपों का मुकाबला बड़ी तोपों के साथ करने के राजनीतिक फार्मूले पर गंभीरता के साथ विचार कर रही है।
बेशक दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के कन्वीनर अरविंद केजरीवाल स्टार प्रचारक के तौर पर विधानसभा चुनावों में काम करेंगे परंतु ‘आप’ के वालंटियरों ने रिपोर्ट भेजी है कि यदि केजरीवाल और अन्य बड़े नेता खुद चुनाव लड़ते हैं तो पंजाब के लोगों का विश्वास आम आदमी पार्टी पर बढ़ेगा और पार्टी को इसका बड़ा फायदा मिलेगा। अब यह समय ही बताएगा कि आम आदमी पार्टी कौन से फार्मूले के अंतर्गत उम्मीदवार उतारेगी?