नई दिल्ली। आम आदमी पाटी ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की संपत्ति में 300 फीसदी इजाफे की खबर तीन मीडिया हाउसों से अचानक गायब कर दिए जाने पर सवाल उठाया। आप ने कहा कि रिपोर्ट गायब कर दी गईं और इस पर कोई स्पष्टीकरण भी नहीं दिया गया।
आप के वरिष्ठ नेता और खुद मीडियाकर्मी रह चुके आशुतोष ने मीडिया को दिए एक बयान में कहा कि ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’, ‘डेली न्यूज एंड एनालिसिस’ और ‘आउटलुक’ पत्रिका के हिदी संस्करण ने ऑनलाइन जारी हुए आलेख को प्रकाशित करने के एक घंटे बाद ही हटा दिया।
उन्होंने कहा कि मीडिया का काम सच को सामने लाना है, लेकिन देश के बदले हुए राजनीतिक माहौल में सबकुछ उल्टा हो रहा है। मीडिया का इस्तेमाल सच को छिपाने के लिए किया जा रहा है।
आप नेता ने कहा कि शाह ने पिछले सप्ताह अपने गृहराज्य गुजरात से राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल किया और हलफनामे में अपनी संपत्ति को जो ब्योरा दिया, उससे खुलासा हुआ कि पांच साल में उनकी संपत्ति 300 फीसदी बढ़कर 34 करोड़ रुपए हो गई है।
आशुतोष ने कहा कि किसी की परिसंपत्तियों में वृद्धि होने पर समस्या हो सकती है, क्योंकि यह कानूनी मसला है। अगर मीडिया को संपत्ति में वृद्धि पर बनाई गई रिपोर्ट को हटाने के लिए दबाव डाला जाता है, तो इससे कई सवाल खड़े हो जाते हैं। जैसे कि क्या 34 करोड़ रुपए शाह के खाते में गलत तरीके से जमा हुआ था? क्या यह कालाधन है? इतना तो स्पष्ट है कि यह आम लोगों की जमा संपत्ति की तरह नहीं है।
आप नेता ने कहा कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है और इसे स्वतंत्र रूप से लोकतंत्र की सफलता के लिए काम करना चाहिए, लेकिन देश का दुर्भाग्य है कि कुछ मीडिया हाउस दिनोंदिन अपनी विश्वसनीयता खोते चले जा रहे हैं।
आशुतोष ने कहा कि मीडिया संस्थानों की वेबसाइट से खबर हटाए जाने के पीछे का तार्किक कारण दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अगर भाजपा और अमित शाह अपने दावे के मुताबिक सचमुच भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़े हैं, तो उन्हें अपनी संपत्ति की जानकारी सार्वजनिक करने में इतना संकोच क्यों है? इस आलेख को हटाए जाने पर शाह और मीडिया हाउसों को स्पष्टीकरण देना चाहिए।