नई दिल्ली। दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार के मंत्रिमंडल से बर्खास्त जलमंत्री कपिल मिश्रा ने रविवार को दावा किया कि उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से दो करोड़ रुपए लेते देखा था।
आप ने जहां मिश्रा के आरोप का खंडन किया है, वहीं भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने केजरीवाल से तत्काल इस्तीफा देने के लिए कहा है।
मिश्रा ने आप मंत्रिमंडल से बर्खास्त किए जाने के अगले दिन रविवार को कहा कि शनिवार से एक दिन पहले शुक्रवार को मैंने जैन को केजरीवाल के घर पर उन्हें पैसे देते देखा था। मैंने केजरीवाल से पैसे के बारे में पूछा, लेकिन उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
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भाजपा नेता और पूर्वी दिल्ली नगर निगम की पूर्व महापौर अन्नपूर्णा मिश्रा के बेटे कपिल ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने उपराज्यपाल अनिल बैजल को इस बारे में सूचित कर दिया है और वह सभी जांच एजेंसियों को भी इस बारे में पूरा ब्योरा देंगे।
मिश्रा ने इसके अलावा जैन पर केजरीवाल के एक रिश्तेदार को 50 करोड़ रुपए के एक भूमि सौदे में मदद देने का आरोप भी लगाया है।
मिश्रा ने कहा कि जैन ने मुझे उस सौदे के बारे में खुद बताया था। मुझे लगता है कि जैन को जल्द ही जेल जाना पड़ेगा।
कुमार विश्वास ने अरविंद केजरीवाल का बचाव किया
केजरीवाल और जैन ने अब तक मिश्रा द्वारा लगाए गए आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, हालांकि उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और वरिष्ठ नेता कुमार विश्वास ने जरूर केजरीवाल का बचाव किया है।
सिसोदिया ने कपिल के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि केजरीवाल पर लगाया गया आरोप बेबुनियाद है। अपने ही मंत्री से पैसे लेने के आरोप पर कोई विश्वास नहीं करेगा। इस आरोप का कोई आधार नहीं है।
सिसोदिया ने कहा कि गौर करने वाली बात है कि कपिल मिश्रा ने मंत्री पद से हटाए जाने के बाद आरोप लगाया है।
वहीं विश्वास ने कहा कि केजरीवाल का सबसे बड़ा दुश्मन भी उनके भ्रष्ट होने की कल्पना नहीं कर सकता।
विश्वास ने कहा कि अगर कहीं कुछ गलत हुआ है, तो उन्हें पार्टी के अंदर इस बात को उठाना चाहिए था। लेकिन बिना किसी सबूत के सार्वजनिक तौर पर इस तरह के आरोप लगाना सही नहीं है।
विश्वास ने कहा कि पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति इस मसले पर आगे की कार्रवाई के बारे में निर्णय लेगी।
भाजपा ने केजरीवाल के इस्तीफे की मांग की है, वहीं कांग्रेस ने उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू करने की मांग की है।
भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि केजरीवाल को मुख्यमंत्री के पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। उन्हें तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए।
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि केंद्र, भ्रष्टाचार निवारण ब्यूरो और सीबीआई को इस मामले में तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए और केजरीवाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करनी चाहिए।
केजरीवाल के एंटी करप्शन आंदोलन में अगुवा रहे सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने वहीं घटनाक्रम पर दुख व्यक्त किया है।
हजारे ने महाराष्ट्र के अपने गांव में पत्रकारों से कहा कि केजरीवाल दिल्ली में भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाए गए आंदोलन के चलते ही मुख्यमंत्री बने। और आज, जब उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं, मैं बयान नहीं कर सकता कि मुझे कितना दुख हो रहा है।
केजरीवाल के पूर्व सहयोगी और अब राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी योगेंद्र यादव ने कहा कि बिना सबूत के उन्हें कपिल द्वारा लगाए गए आरोप पर भरोसा नहीं है।
यादव ने कहा कि मैं केजरीवाल के खिलाफ सत्ता की लालच, अकड़ और एकाधिकारवादी जैसे आरोपों पर विश्वास कर सकता हूं, लेकिन रिश्वत के आरोप में सबूत की जरूरत है।
इससे पहले, मिश्रा ने कहा कि पहले भी आप के खिलाफ कई मुद्दे उठ चुके हैं। पंजाब चुनाव के दौरान भी आप पर फंडिंग में अनियमितता का आरोप लगा था, लेकिन हमने हमेशा यही सोचा कि केजरीवाल जी को उस बात की जानकारी नहीं होगी।
मिश्रा ने कहा कि हमें उन पर भरोसा था और हम हमेशा यही सोचते रहे कि वह सब ठीक कर देंगे। लेकिन मैंने जो देखा, उसके बाद मैं चुप नहीं बैठ सकता।
मिश्रा ने कहा कि वह पार्टी नहीं छोडेंगे। उन्होंने कहा कि मैं न ही पार्टी छोड़ूंगा और न ही कोई मुझे निकाल सकता है।