नई दिल्ली। दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने अलका लांबा को प्रवक्ता पद से दो महीने के लिए निलंबित कर दिया है। इससे पहले आप पार्टी अलका लांबा गोपाल राय के परिवहन मंत्रालय छोड़ने के बाद दिए अपने बयान पर जवाब नहीं दे पा रही थी। फिलहाल पार्टी ने लांबा के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए यह कदम उठाया है।
सूत्रों के अनुसार अलका लांबा द्वारा परिवहन मंत्री पद से गोपाल राय को हटाए जाने के बारे में पार्टी लाइन से हटकर बयान देने से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल काफी नाराज थे। गोपाल राय के मंत्री पद छोड़ने के बाद अलका लांबा ने कहा था कि ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट सत्येंद्र जैन को दिया गया है ताकि जांच निष्पक्ष हो सके। जब तक जांच नहीं हो तब तक ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री गोपाल राय से ली गई ताकि कोई आरोप न लगे।
इतना ही नहीं अलका ने कहा था कि निष्पक्ष जांच हो रही है। विपक्ष एक मुद्दा बना सकता था इसलिए अब गोपाल राय जी ट्रांसपोर्ट मंत्री नहीं हैं। जांच में दूध का दूध, पानी का पानी हो जाएगा। हालांकि मीडिया से हमें पता चला है कि उन्होंने अपनी हेल्थ की वजह से खुद मिनिस्ट्री छोड़ने की रिक्वेस्ट की थी, क्योंकि उनका बहुत बड़ा ऑपरेशन हुआ है। उनके इन बयानों का पार्टी और सरकार को भी कोई तर्क नहीं सूझ रहा था।
वहीं अलका ने अपने बयान के बाद मामले में ट्वीट कर पश्चाताप की बात की थी लेकिन अब उनका अपने बचाव में कहना है कि उन्हें ऐसा कोई आदेश नहीं मिला है। अलका लांबा ने मामले में ट्वीट कर स्वयं को पार्टी का अनुशासित कार्यकर्ता बताया।
अलका ने ट्वीट किया ‘मैं पार्टी की एक अनुशासित कार्यकर्त्ता हूँ और पार्टी के हर फैसले का सम्मान करती हूँ, मुझसे अनजाने में भी अगर कोई गलती हुई होगी तो मैं उसका पश्चाताप जरूर करुँगी, ताकि मेरी वजहा से पार्टी की भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को किसी भी तरहा का कोई भी नुक्सान ना पहुंचे। अलका लांबा इससे पहले भी कई बार अपने बयानों से पार्टी के लिए परेशानी का सबब बन चुकी हैं।