नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी ने भाजपा शासित दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को सबसे भ्रष्ट संगठनों में से एक करार दिया है। साथ ही आप पार्टी ने दिल्ली लोकायुक्त को एमसीडी के भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज करवाई है।
आम आदमी पार्टी ने गुरूवार को दिल्ली में सफाई कर्मचारियों के संकट के लिए साफ तौर पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को दोषी ठहराया है। आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रभारी दिलीप पांडेय ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा शासित एमसीडी सबसे भ्रष्ट संगठनों में से एक है।
उन्होंने आरोप लगाय कि सफाई कर्मचारियों के वेतन को क्यों रोका गया। वेतन के लिए कर्मचारी दर-दर भटक रहे हैं लेकिन एमसीडी घोटाले करने में व्यस्त है। इनका भुगतान समय पर क्यों नहीं किया गया? यह जांच का विषय है कि मजदूरों के वेतन के लिए दिया गया धन अन्य उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया गया।
उन्होंने दावा किया कि केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दिल्ली नगर निगम के लिए 2000 रुपए करोड़ की राशि आवंटित की थी लेकिन अब तक एक भी रुपया लाभार्थियों तक नहीं पहुंचा।
वहीं आप पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने कहा कि इतना पैसा मिलने के बाद भी एमसीडी दिल्ली सरकार से लगातार फंड की मांग करती रही और पूरी दिल्ली को कचरा घर में बदल दिया।
उन्होंने दिल्ली के स्थानीय निकायों में कथित भ्रष्टाचार के उदाहरण का जिक्र करते हुए कहा कि नगर निगम के पास 22,000 ऐसे ‘भूत’ कर्मचारी थे जिनका कोई अस्तित्व ही नहीं था।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और उपराज्यपाल नजीब जंग द्वारा दिल्ली के लोगों को इसलिए दंडित किया जा रहा है, क्योंकि उन्होंने आम आदमी पार्टी वोट दिया था।
उन्होंने सवाल किया कि एक वैश्विक नेता होने का दावा करने वाले प्रधानमंत्री मोदी, एक छोटे से राज्य की छोटी सी नगरनिगम इकाई को अनुशासित क्यों नहीं रख सके?
इसके अलावा पार्टी ने सवाल किया कि जबकि मेयर रविन्द्र गुप्ता ने स्वयं भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय पर कूड़ा प्रबंधन के लिए महंगा टेंडर जारी करने के आरोप लगाया है और जब वह निगम को करोड़ो का नुकसान पहुंचाना चाहते थे। तो उन पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
उन्होंने बताया कि आम आदमी पार्टी लोकायुक्त को अपनी शिकायत में सतीश उपाध्याय का भी नाम शामिल करेगी और जांच की मांग करेगी। इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सरकार को आगामी 15 जून तक निगम श्रमिकों का लंबित वेतन जारी करने के लिए कहा है।