नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता आशुतोष ने दिल्ली सरकार के बर्खास्त मंत्री संदीप कुमार के बचाव में लिखे विवादित ब्लॉग के बाद उनके खिलाफ पुलिस शिकायत और राष्ट्रीय महिला आयोग के समन को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन करार दिया है।
आशुतोष ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि विचारों की स्वतंत्रता के बग़ैर लोकतंत्र अधूरा है, ये बात देश के हुक्मरानों को समझ में नहीं आती। मेरे वाक् स्वातंत्र को स्वीकार करना होगा।
उन्होंने कहा कि एक कॉलम लिखने पर मुझे फांसी पर चढ़ा दिया जाएगा क्या? मुझे एनसीडब्ल्यू से नोटिस मिला, क्या अभिव्यक्ति की थोड़ी भी आजादी बची है? क्या भारत एक फासीवादी राज्य बनने की ओर अग्रसर है?
आप नेता ने कहा कि मैं आशा करता हूं कि भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य एनसीडब्ल्यू अध्यक्ष ललिता कुमार मंगलम हर लेखक को समन कर रही हैं जिन्होंने सहमति से बनाए गए यौन संबंध के बारे में लिखा है।
उन्होंने मीडिया पर भी हमला करते हुए कहा कि वह गिद्ध की तरह झपट रहा है और ‘प्रायोजित पत्रकारिता’ कर रहा है। मालूम हो कि सेक्स स्कैंडल में फंसे संदीप कुमार पर ब्लॉग लिखने के आरोप में राष्ट्रीय महिला आयोग ने सोमवार को आप नेता आशुतोष को समन जारी किया था।
आशुतोष ने अपने ब्लॉग में संदीप का बचाव करते हुए लिखा था कि संदीप ने कुछ भी गलत नहीं किया है। यह आपसी सहमति से सेक्स संबंध बनाने का मामला है। इस वीडियो में एक महिला और पुरूष के यौन कृत्य में शामिल होने का चित्र है।
यह वीडियो स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि दोनों एक दूसरे को जानते हैं और सहमति से सेक्स कर रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर दो वयस्क लोग सहमति से एक-दूसरे के साथ शारीरिक संबंध बनाते हैं तो क्या यह एक अपराध है?