नई दिल्ली। पंजाब विधानसभा के प्रचार में जोर-शोर से जुटी आम आदमी पार्टी ने पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के जाने-माने प्रचारक और रणनीतिकार कुमार विश्वास और आशीष खेतान से दूरी बना ली है।
हालांकि आप ने सभी बड़े नेता और जाने-माने विधायकों को प्रचार समिति का हिस्सा बनाया है लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि आप के दो अहम चेहरे डॉ. कुमार विश्वास और आशीष खेतान पंजाब में प्रचार नहीं कर रहे हैं।
माना जा रहा कि दोनों को इस प्रचार से दूर ही रहने को कहा गया है। सूत्रों के मुताबिक दोनों को पंजाब में इसलिए नहीं भेजा जा रहा क्योंकि उनसे कुछ विवाद जुड़े हैं। यही वजह है कि दोनों का नाम पंजाब के स्टार प्रचारकों की सूची में नहीं था।
कुमार का नाम पंजाब लिस्ट में नहीं होने पर सवाल तो उठे थे लेकिन संजय सिंह ने सफाई देते हुए कहा था कि कुमार विश्वास पंजाब में प्रचार करेंगे। हालांकि अभी तक उनके कार्यक्रम तय नहीं किए गए हैं। उन्हें गोवा में प्रचार की जिम्मेदारी जरूर दी गई है लेकिन इस सूची में उनका नाम 9वें नंबर पर है।
वहीं आशीष खेतान को गोवा में भी मौका नहीं दिया गया है, जबकि आप के घोषणा पत्र बनाने में उनका अहम रोल समझा जाता है। दरअसल पंजाब में इन दिनों 13 सेकेंड का एक वीडियो काफी शेयर किया जा रहा है, जिसमें कुमार विश्वास सरदारों का मजाक उड़ाते दिख रहे हैं।
इस वीडियो में कुमार विश्वास कह रहे हैं, ‘सामने से सरदार जी आए, यह पंजाब है, गर्मिला पंजाब। बोलो, इनसे किस विषय पर बातचीत करूं। मैंने कहा, विषय की कोई आवश्यकता नहीं, मुस्कुराता हुआ जा, आंख मार कर पूछ कि 12 बजे क्या?’
हालांकि 9 जनवरी को डॉ. कुमार ने फेसबुक लाइव के जरिए अपनी सफाई जरूर पेश की थी। उन्होंने कहा कि अक्सर, चुनाव से पहले ‘श्रीमति भावना जी’ काफी आहत हो जाती हैं। पिछले चुनाव में 48 से 52 सेकेंड की वीडियो लेकर आए थे, जो 2004-05 के समय का था। अब 130-13 सेकेंड का वीडियो लेकर आए हैं।
इनकी बुद्धि कम होती जा रही है। इसकी मुझे फिक्र नहीं है। मैं किसी भी फर्जी से ज्यादा सेक्यूलर हूं। किसी फर्जी से ज्यादा राष्ट्रवादी हूं। वहीं आशीष खेतान शुरुआत में पंजाब में चुनावी कार्यक्रमों काफी नजर आते थे लेकिन युवा घोषणा पत्र जारी करने के दौरान विवादों में घिर गए।
उन्होंने इसकी तुलना सिखों के पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब और गीता से की थी। घोषणा पत्र में स्वर्ण मंदिर की तस्वीर के साथ ‘आप’ का चुनावी चिन्ह झाड़ू छपने के बाद काफी हंगामा हुआ था। मसले की आलोचना होने के बाद खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसके लिए सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी थी।
पश्चाताप के लिए केजरीवाल और खेतान ने स्वर्ण मंदिर पहुंच कर जूठे बर्तन तक धोए थे। उस दौरान उन्होंने पूरी तरह सिख धर्म का पालन किया था। विवाद के बाद से आशीष खेतान को पंजाब में सार्वजनिक कार्यक्रमों से दूर रहने की हिदायत दी गई है।