नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान के संसद वीडियोग्राफी मामले की जांच के लिए गठित समिति में इस बात को लेकर मतभेद है कि मान को कितने समय तक के लिए सदन की कार्यवाही से दूर रखा जाए।
इससे पहले सोमवार को मान ने जांच समिति के सामने पेश होकर कहा था कि उन्होंने सुरक्षा का उल्लंघन नहीं किया है। इस पर समिति के सदस्यों ने कहा कि यह विरोधाभासी है क्योंकि मान अपने कृत्य के लिए लोकसभाध्यक्ष से बिना शर्त माफी मांग चुके हैं।
समिति के एक सदस्य ने कहा कि एक तरह से उन्हें पछतावा नहीं है। उन्होंने और समय मांगा और कहा कि वह मंगलवार को पेश नहीं हो सकते। हमने अब उन्हें तीन अगस्त को बुलाया है।
गत सप्ताह मान ने पांच पृष्ठों के एक पत्र में माफी मांगने से इनकार कर दिया था और मांग की थी कि प्रधानमंत्री को भी समिति के समक्ष बुलाया जाए। चूंकि समिति को तीन अगस्त को अपनी रिपोर्ट लोकसभाध्यक्ष को सौंपनी है, वह समय बढ़ाने की मांग कर सकती है।
भगवंत मान को संसद के बाहर रखने की मांग करने वाले सांसदों में चंदू माजरा, महेश गिरि, हरिंदर खालसा शामिल हैं।