सबगुरु न्यूज-सिरोही। आबूरोड की सदर थाना पुलिस ने सोमवार को एक करोड रुपये की पुराने नेट बरामद किए। यह नोट एक विदेशी नागरिक के थे। नोटबंदी के बाद इन नोटों को बदलवानें के लिए उसने जिन व्यक्तियों को दिया था उन्होंने इसे ब्लैक मनी मानते हुए हडपना चाहा तो विदेशी नागरिक ने पुलिस को शिकायत कर दी।
पुलिस ने सीए और पार्षद समेत चार लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उन्होंने सारी बात उगल दी। इस हरकत ने सार्वजनिक फजीहत करवाई सो अलग। वैसे इस प्रकरण में केन्द्र सरकार के आदेश के विपरीत काम करके अवैध रूप से नोट चलाने के प्रयास में स्थानीय लोगों पर मामला दर्ज होना चाहिए, लेकिन पुलिस ने ऐसा कुछ किया नहीं।
-यह था पूरा मामला
अमेरिका निवासी मार्क ब्रह्मकुमारी संस्थान के अमेरिका कार्यालय का समर्पित है। यहां पर संस्थान की ओर से चलाई जाने वाली चेरीटेबल गतिविधियों में अपनी कमाई को सीधे ही जरूरतमंदों को समर्पित करता है। इस बार भी इसी उद्देश्य से वह अपने पैसे भारत के अकाउंट में ट्रांसफर किए। एक हजार और पांच सौ की नोट के रूप में इन पैसों को निकाला और माउण्ट आबू आया तो इसके बाद सरकार ने नोटबंदी की घोषणा हो गई। इससे मार्क की यह राशि बेकार हो गई।
मार्क को रविवार को ही अमेरिका भी जाना था, जहां पर वह नौकरी करता है। ऐसे में मार्क ने इसके लिए अपने स्थानीय बैंक में संपर्क किया। बैंक ने इतनी सारी बंद हो चुकी मुद्रा को एकसाथ लेने में समस्या बताई। उन्होंने इसके लिए किसी सीए से मार्गदर्शन लेने को कहा। इस पर मार्क ने माउण्ट आबू में अपने एक परिचित से सीधे ही सीए के संबंध में पूछा। माउण्ट आबू वाले परिचित ने मार्क को आबूरोड निवासी सीए विनीत मंत्री पुत्र कमलकिशोर के बारे में उसे बता दिया। इसके बाद मार्क ने सीए विनीत मंत्री से इस बारे में बात की।
पुलिस को सीए के माध्यम से ही इस मामले में आबूरोड का एक पार्षद योगेश सिंघल, मोहनलाल पुरोहित पुत्र गोपालदास, हार्दिक पुरोहित पुत्र मोहन पुरोहित के भी शामिल होने की सूचना मिली। मार्क ने शनिवार को उसके पास रखे एक करोड रुपये के पांच सौ और हजार रुपये के नोट सीए को सौंपे, इन नोटों को नई करंसी में बदलने के लिए इन लोगों ने तीस प्रतिशत तक राशि चाही। इस बीच इतनी बडी राशि देखकर इनकी नीयत में भी खोट आ गई। जब कुछ मार्क ने इस पैसे को चालू करंसी में मांगा तो इन लोगों ने उसे कहा कि उसकी पूरी राशि हजार और पांच सौ रुपये में थे। उस राशि को पुलिस ने जब्त कर लिया है। इस पर मार्क ने यह बात संस्थान के स्थानीय पदाधिकारियों को बताई।
स्थानीय पदाधिकारियों ने इन लोगों से बात की तो यह लोग यही बात दोहराते रहे कि यह पूरा पैसा पुलिस ने जब्त कर लिया है। संभावना यह जताई जा रही है कि इन लोगों ने इस राशि को ब्लैकमनी मान लिया और इन्हें लगा कि यदि यह पैसा जब्त कर लेते हैं तो मार्क पुलिस के पास नहीं जाएगा, यहीं इनसे गलती हो गई। मार्क का पैसा उसकी अपनी कमाई का था। उसे उसने अपने खाते से निकाला था।
ऐसे में इन लोगों की पैसा देने की नीयत नहीं दिखने पर संस्थान पदाधिकारियों ने पुलिस अधीक्षक से इस संदर्भ में बात की। उनके निर्देश पर आबूरोड सदर पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू की और चारों को हिरासत में लिया। चारों से पूछताछ की तो मार्क से ली गई राशि के बारे में उन्होंने बताया।
पुलिस ने आबूरोड के निकट ओर गांव की आवासीय कॉलोनी से इस राशि का बरामद कर लिया। वैसे इन लोगों ने पुलिस को यह जानकारी दी कि 27 प्रतिशत कमीशन की एवज में एक करोड रुपये के पुराने बंद हो चुके नोट बदलने का सौदा हुआ था, लेकिन जैसा कि मार्क ने संस्थान के सदस्यों को बताया उसके अनुसार नोटों को बदलने के लिए किसी कमीशन की बात नहीं हुई थी। फिलहाल पुलिस ने राशि जब्त कर ली है और इंकम टैक्स डिपार्टमेंट को इसकी सूचना दे दी है।