झांसी। एक किशोरी की आबरु को एक दरिंदा तार-तार कर देता है और जान से मारने की धमकी देकर भाग जाता है। इधर, थानेदार दरिंदे की तरफदारी कर पीडि़ता के साथ बदसलूकी करता है।
थानेदार की ये बदसलूकी और उसके साथ घटी घटना से पीडि़ता पूरी तरह टूट जाती है और कमरे में जाकर फांसी लगा लेती है। ये वाक्या और थानेदार की करतूत कहीं और की नहीं बल्कि झांसी जनपद के थाना टहरौली की है।
टहरौली थाना क्षेत्र के ग्राम ककरवा में रहने वाले ग्रामीण अपनी पत्नी के साथ पिछले दिनों खेत पर गया हुआ था। घर में उनकी 17 वर्षीय बेटी 10 वर्षीय भाई के साथ अकेली थी।
ग्रामीण ने आरोप लगाते हुए बताया कि जब उसकी बेटी घर में अकेली थी तभी गांव का रहने वाला बृजेन्द्र नाम का युवक उसके घर में घुस गया और उसकी बेटी को जबरन पकड़ लिया। इसके बाद उसने उसकी बेटी की आबरु तार-तार कर दी।
उसकी इज्जत लूटने के बाद दुष्कर्मी उसे जान से मारने की धमकी देकर भाग गया। परिवार वाले जब खेत से वापस घर लौटे तो उनकी बिटिया ने उसके साथ किए घिनौने काम की उन्हें जानकारी दी।
परिजन पीडि़ता को लेकर थाने पहुंचे पर उसकी वहां शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया गया। थाने से लेकर पीडि़ता अफसरों की चैखट के चक्कर न्याय के लिए काटती रही पर उसे हर कदम पर निराशा ही मिली। बावजूद वह दोबारा थाने शिकायत करने पहुंची और इस बार थानेदार ने उसे दुत्कार कर थाने से लौटा दिया।
दर्द में मरहम लगाने के बजाय पुलिस ने उसके जख्मों पर नमक रगड़ दिया। इससे वह और भी ज्यादा आहत हो गई और मायूस होकर घर लौट आई। परिजन उसे सांत्वना दे रहे थे पर उसके दिगाम में कुछ और ही दौड़ रहा था। इससे परिवार वाले अंजान थे।
पीडि़ता अपने साथ हुए उस कृत्य को भुला पाने में असमर्थ थी तो वहीं पुलिस द्वारा उसके साथ किए गए बर्ताव से वह पूरी तरीके से टूट चुकी थी। अतरू उसने मौत को गले लगाने की ठान ली और फांसी पर झूल गई।
इधर, परिवार वाले भी उसके साथ घटी घटना को लेकर चिंतित थे। अतरू वह लाग पल-पल उस पर निगाह रख रहे लेकिन एकाएक रात में उन लोगों की आंख लग गई। जैसे ही उनकी नींद टूटी वह लाग पीडि़ता के कमरे की ओर भागे। वहां उन लोगों ने उसे फांसी पर झूलता हुआ पाया।
आनन-फानन में उसे फंदे से उतार कर मेडिकल कॉलेज में लाया गया। इस समय पीडि़ता आईसीयू में जिंदगी और मौत से झूल रही है। तो दूसरी ओर पुलिस का यह गैर जिम्मेदाराना रवैया चर्चा का विषय बन गया है। इधर, क्षेत्राधिकारी ने मामले की जानकारी लेने पर अपना पुलिसिया बयान देते हुए कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।
एसएसपी के आदेश को थानेदार ने रखा ताक पर
इस मामले को लेकर पीडि़त पक्ष एसएसपी के पास भी पहुंचा था और उन्हें पूरे वाक्या से अवगत कराया था। एसएसपी ने तत्काल मामले को गंभीरता से लेकर थानेदार को तत्काल मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था। उन्हीं के आश्वासन पर पीडि़ता थाने पहुंची थी और एसएसपी की शिकायत पर बौखलाए थानेदार ने उसके साथ बदसलूकी की थी।
आरोपी थानेदार का करीबी
सूत्रों की माने तो आरोपी थानेदार का करीबी बताया जा रहा है। यही कारण रहा कि थानेदार द्वारा उसकी शिकायत को दर्ज नहीं किया गया। इस संबंध में क्षेत्राधिकारी से वार्ता की गई तो उन्होंने एकटूक जवाब दिया कि आरोपी वर्दीवालों का कभी करीबी नहीं होता।