नई दिल्ली। क्या डीयू छात्र चुनाव के दौरान के विद्यार्थी परिषद ने वोट देने वाले छात्रों से घोखेबाजी कर वोट बटोरे? यह सवाल इसलिए उठ खड़ा हुआ है कि एबीवीपी की प्रत्याशी कनिका शेखावत के जिस चेहरे को देख कर उन्होंने वोट किया वास्तव में वह तो एक मॉडन नौहीद साइरसी का था। इलेक्शन कम्पेनिंग के दौरान राजधानी में कई जगह एवं कॉलेज कैम्पस में कनिका के जो पोस्टर लगाए गए थे उन पर एक सुंदर सा चेहरा नजर आ रहा था। ये चेहरा कनिका शेखावत नहीं बक्लि नौहीद का बताया जा रहा है।…
छात्रों का मानना है कि यूनिवर्सिटी कैपस इतना बड़ा होता है कि छात्र नेता सब तक नहीं पहुंच पाते, चुनाव के दौरान उन्हें अधिकतर छात्र पोस्टरों के जरिए ही पहचानते हैं। शेखावत को वोट देकर सचिव चुनने वाले छात्र अब अजीब से पसोपेश में हैं कि उन्होंने जिस प्रत्याशी को पोस्टर के जरिए पहचान कर वोट किया उसने उनके साथ ऐसा छल क्यों किया।
उधर, ऐसे कवायद को कुछ छात्र गलत नहीं मानते। उनका कहना है कि राजनीतिक प्लेटफार्म पर ऐसा तो चलता रहता है। हो सकता है कनिका को लगा हो कि उसका फेस फोजेनिक न हो इसलिए उसने चुनावी कैंपेन के दौरान यह तरीका अपनाया हो।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार इस विवाद को बढ़ता देख खुद कनिका शेखावत ने सफाई दी है कि उनका इन पोस्टरों से कोई लेना देना नहीं है। उनका मानना है कि प्रतिपक्षी छात्र संगठनों की यह शरारत हो सकती है। ये साजिश इसलिए भी की गई हो सकती है कि ताकि किसी तरह मेरा नामांकन रद्द करा सकें। कनिका ने बताया कि खुद उन्हें भी बाद में पता चला कि उनके कुछ पोस्टरों में नौहीद के फोटो हैं। इस मामले मेुं पुलिस को शिकायत भी दी है।
उधर विरोधी छात्र संगठन एनएसयूआई की राष्ट्रीय अध्यक्ष रोजी एम जान ने आरोपों को गलत करार देते हुए कहा कि उनके संगठन की यह संस्कृति नहीं है कि किसी प्रत्याशी को अनावश्यक टारगेट करें। खुद एबीवीपी जीत हासिल करने के लिए गलत हथकंडे अपनाती रही है। इस बार में उसने इसी तरह की हरकतें की हैं।
मालूम हो कि मिरांडा कॉलेज की स्नातक कनिका शेखावत एआरएसडी कॉलेज से पोलिटिकल साइंस में एमए कर रहीं हैं। राजस्थान निवासी कनिका बीते कुछ साल से एबीवीपी से जुड़ी हुई हैं। हाल ही में कनिका ने एनएसयूआई के अमित टीमा को हरा कर जीत दर्ज की थी।