रांची। रांची विश्वविद्यालय में अभाविप की जीत के साथ चुनावी दौर थम गया है। झारखंड के पांचों विश्वविद्यालयों में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् ने क्लिन स्वीप कर जीत हासिल की है।
लगातार चल रहे विश्वविद्यालयों के चुनावी दौर में पहले अभाविप ने कोल्हान विश्वविद्यालय में जीत हासिल की, फिर सिदो-कान्हू, विनोबा भावे विश्वविद्यालय, नीलांबर-पीतांबर और अब झारखंड की राजधानी के रांची विश्वविद्यालय पर भी अपना कब्जा जमा लिया है।
इस चुनावी प्रक्रिया की बात करें तो छात्र संघ चुनाव 2016 को लेकर संगठन ने पहले से ही बेहतर रणनीति तैयार कर रखी थी। 9 दिसम्बर को विश्वविद्यालय स्तर रांची विश्वविद्यालय में कुल 90 सीटों पर चुनाव हुआ था, जिसमें से 43 सीट पर अभाविप ने जीत हासिल की थी।
20 दिसम्बर को विश्वविद्यालय कमिटी का चुनाव हुआ, जिसमें कुल 18 प्रत्याशियों ने अपनी किस्मत आजमाई जिसमें अभाविप समर्थित उम्मीदवारों ने विश्वविद्यालय स्तर पर जीत हासिल की।
विजयी प्रत्याशियों में पवन बड़ाइक (अध्यक्ष), पूजा कुमारी(उपाध्यक्ष), नीतीश सिंह (सचिव), मनोज कच्छप (सह-सचिव) और राजकुमार महतो (उप-सचिव) बनाए गए।
इस अवसर पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश संगठन मंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ला ने सभी छात्र-छात्राओं को धन्यवाद देते हुए कहा कि झारखंड के पांचों विश्वविद्यालय में हुई जीत झारखंड के छात्र-छात्राओं को समर्पित है, जिन्होंने अभाविप के प्रत्याशियों को चुना।
हम विद्यार्थियों से संबंधित किसी भी समस्या का त्वरित समाधान निकालने का प्रयास करेंगे। वहीं अभाविप के प्रदेश सह-मंत्री अटल पांडेय ने अभाविप कार्यकर्ताओं का आभार प्रकट करते हुए कहा कि चुनाव के दौरान विपक्षी दलों के लाख नकारात्मक प्रयासों के बावजूद अभाविप ने झारखंड में जो ऐतिहासिक जीत हासिल की है, वह कार्यकर्ताओं के मेहनत का ही परिणाम है।
यह जीत स्वामी विवेकानंद के आदर्श पर चलने वाले युवाओं की जीत है, भारत माता की जय कहने वाले राष्ट्रभक्तों की जीत है।
वहीं विश्वविद्यालय अध्यक्ष पवन बड़ाइक ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एक सोच है, एक विचार है, यह अनुशासन की पाठशाला और ज्ञान का अनुपम भंडार है, जिसने मुझ जैसे ग्रामीण छात्र को विश्वविद्यालय का अध्यक्ष बनाया है। मैं तमाम विश्वविद्यालय परिवार को इसके लिए धन्यवाद देता हूं।