जोधपुर। सेशन न्यायाधीश, सेशन न्यायालय, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, कोर्ट ने जोधपुर डिस्काॅम के एक हैल्पर को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की अलग-अलग धाराओं में क्रमशः तीन साल और चार का कठोर कारावास और छह हजार व आठ हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना अदायगी नहीं करने पर चार महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
इस मामले में परिवादी कांकाणी निवासी धनराजसिह ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, जोधपुर में उपस्थित होकर यह रिपोर्ट पेश की कि ग्राम कांकाणी में दुकान के लिए एन.डी.एस. कनेक्शन के लिए आवेदन किया था। जिसकी विद्युत विभाग ने 500 रूपये की रसीद दी थी। हैल्पर शमशाद एवं अन्य व्यक्ति ने दुकान से दूरी ज्यादा होने पर 10,000 रुपये मांगा, मगर 7,000 रुपये में कनेक्शन करवाना तय किया।
नरपतसिह उप अधीक्षक पुलिस ने रिश्वत की मांग का गोपनीय मांग सत्यापन करवाया गया। इस दौरान सत्यापन में आरोपी शमशाद अली ने परिवादी से 7,000 रुपये में से राशि कम करके 6,000 रुपये रिश्वत लेना तय किया। इस पर 3 मार्च, .2014 को भ्र.नि.ब्यूरो, जोधपुर द्वारा ट्रेप कार्यवाही का आयोजन कर शमशाद अली हैल्पर डिस्काम मोगड़ा को 6,000 रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
बाद अनुसंधान 01. मार्च 2016 को आरोप अन्तर्गत धारा 7, 13 (1) डी 13(2) पी.सी. एक्ट 1988 में सुनाकर प्रसंज्ञान लिया गया एवं अभियोजन कार्यवाही प्रारम्भ की गई। कुल 21 गवाहों में से 20 गवाहों के बयान अभियोजन पक्ष द्वारा करवाये गये। इसके बाद न्यायालय ने आरोपी का उक्त सजा सुनाई।