सबगुरु न्यूज-सिरोही। एसीबी ने मंगलवार को शिवगंज तहसील के अंदौर गांव में पीएचसी निर्माण स्थल की जांच की। एसीबी ने यहां पर ईंट की दीवार का निर्माण होता पाया। उनके साथ में पीडब्ल्यूडी के तीन एक्सपर्ट इंजीनियर शामिल थे।
एसीबी सिरोही चौकी के पुलिस उप अधीक्षक नारायणसिंह राजपुरोहित ने बताया कि उन्हें एक शिकायत मिली थी कि अंदोर पीएचसी में ईंटों का कार्य किए बिना ही एनआरएचएम की सिविल विंग ने ठेकेदार को वर्क कम्पलीशन सर्टिफिकेट जारी कर दिया।
शिकायत कर्ता ने आरोप लगाया था कि इस सर्टिफिकेट के आधार पर ही इस ठेकेदार कम्पनी ने हाल ही में पीडब्ल्यूडी में निकले ठेके का टेंडर ले लिया। शिकायत कर्ता का आरोप था कि एनआरएचएम ने पीएचसी के निर्माण कार्य पूर्ण होने से पहले ही इस ठेकेदार को वर्क कम्प्लीशन सर्टिफिकेट जारी कर दिया है। जबकि मौके पर ईंटों का काम किया जाना बाकी है।
इस शिकायत के आधार पर उन्होंने अंदोर पीएचसी का मंगलवार को पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर्स की तकनीकी देखरेख में निरीक्षण किया। मौके पर बाउण्ड्री वाल का निर्माण होता हुआ मिला। इस निर्माण कार्य की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी करवा ली गई है। उन्होंने बताया कि इस कार्य को अप्रेल, 2016 में पूरा होना था।
इसका वर्क कम्पलीशन सर्टिफिकेट अगस्त 2016 में जारी किया गया था। इसके आधार पर आबूरोड स्थित ठेकेदार अमृत अग्रवाल ने पीडब्ल्यूडी का एक ठेका ले लिया। इस ठेके के लिए पीडब्ल्यूडी ने पात्र ठेकेदार के लिए न्यूनतम क्यूबिक फीट कार्य करने का अनुभव मांगा था।
शिकायत कर्ता का आरोप है कि अंदोर में ईंटों का कार्य पूर्ण किए बिना ही ठेकेदार को कार्य पूर्णता प्रमाण-पत्र दिया गया, जिसके आधार पर उसने पीडब्ल्यूडी का यह ठेका हासिल किया। एसीबी एएसबी ने बताया कि हालांकि ठेकेदार का कहना है कि यह कार्य पूर्व में पूर्ण कर दिया गया था, लेकिन बारिश में यह टूट गया, जिससे इसका फिर से निर्माण करवाया जा रहा है।
इस प्रकरण की जांच की जा रही है। वहीं गांव के उपसरपंच रमेश जैन ने सबगुरु न्यूज को बताया कि ठेकेदार ने करीब सप्ताह भर पहले उन्हें बताया था कि पीएचसी निर्माण के बाद इसकी 145 मीटर लम्बी बाउंड्री का कार्य भी स्वीकृत हो गया है और वह यह कार्य शुरू कर रहा है।