नई दिल्ली। दिल्ली के पूर्व जल मंत्री व आम आदमी पार्टी के निलंबित नेता कपिल मिश्रा ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने 400 करोड़ रुपए के कथित टैंकर घोटाले में भ्रष्टाचार-रोधी शाखा में अपना बयान दर्ज कराया है।
मिश्रा ने यहां संवाददाताओं से कहा कि मैने अपना बयान दर्ज कराया है और मुझे सोमवार को फिर से एसीबी कार्यालय जाना है।
मिश्रा का दावा है कि उन्होंने एजेंसी को अपने इन आरोपों के समर्थन में सबूत सौंप दिए हैं कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दो करीबी व्यक्तियों ने टैंकर घोटाले की जांच प्रभावित करने की कोशिश की थी।
इससे पहले मिश्रा ने गुरुवार को कहा कि जब तक दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पिछले दो सालों के दौरान आप के पांच नेताओं संजय सिंह, आशीष खेतान, राधव चड्ढा, सत्येंद्र जैन और दुर्गेश पाठक द्वारा की गई विदेश यात्राओं का ब्योरा नहीं देते, तब तक वह अपनी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल जारी रखेंगे।
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चुप हैं और यह चुप्पी बहुत कुछ कह रही है। मिश्रा ने कहा कि वह 14 मई को एक और खुलासा करेंगे। मिश्रा ने आप पर उन पर हमले कराने का आरोप भी लगाया।
उन्होंने कहा कि जब मुझ पर हमला किया गया (बुधवार शाम), संजय सिंह ने तत्काल संवाददाता सम्मेलन आयोजित करके कहा कि हमलावर भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता है।
मिश्रा ने कहा कि जल्द ही यह खुलासा हो गया कि वह कोई भाजपा कार्यकर्ता नहीं है, बल्कि (दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री) सत्येंद्र जैन के मोहल्ला क्लिनिक का समन्वयक और आप कार्यकर्ता है। मिश्रा ने कहा कि सभी कुछ सुनियोजित था।
मिश्रा ने इससे पहले आरोप लगाया था कि टैंकर घोटाले में कार्रवाई में देर के लिए केजरीवाल, आशीष तलवार और विभव पटेल जिम्मेदार हैं। टैंकर घोटाला पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय सामने आया था।