जालोर। राज्य सरकार के न्याय आपके द्वार शिविर भी लोगों को भ्रष्टाचार से राहत नहीं दे पा रहा है। एसीबी जालोर की टीम के पास आई शिकायत इस बात की तस्दीक करती है कि पटवारी और राजस्व कार्मिक इस शिविर के मामलों को भी उगाही का माध्यम बनाए हुए हैं।
जालोर पटवारी ने न्याय आपके द्वार में पंजीकृत मामले में नामांतरण करने के लिए आठ हजार रुपये की रिश्वत मांगी तो एसीबी ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। जांच में पटवारी करोड़पति निकला। इसके घर से करीब सवा पांच लाख तथा बैंक से दस लाख रुपये मिले। कुल संपत्ति करोड़ रुपये तक है।
एसीबी डीएसपी अनराज पुरोहित ने बताया कि सांचौर निवासी रघुवीर पुत्र अमृतलाल ने परिवाद दर्ज करवाया था कि उसकी जमीन के बंटवारे के बिछावड़ी पटवारी ने 14 हजार रुपये की रिश्वत मांगी है। उसने बताया कि उसके पिता कुल सात भाई हैं। इनकी बिछावाड़ी और अमरापुरी में पुश्तैनी जमीन है। आपसी सहमति से इसकी जमाबंदी एवं अन्य दस्तावेज 16 जून को बिछवाड़ी में हुए न्याय आपके द्वार शिविर में प्रस्तुत करे बंटवारे की कार्रवाई के लिए पेश किया। इस पर तहसीलदार ने इस कार्य को अग्रिम कार्रवाई के लिए बिछावाड़ी पटवारी मूलसिंह को भेजा।
शिविर के बाद उसने अपने पिता के साथ पटवारी से इस काम के लिए दो तीन बार संपर्क किया। इस पर पटवारी ने सात भाइयों के बंटवारे के प्रति भाई के हिसाब से दो हजार रुपये के हिसाब से चौदह हजार रुपये की रिश्वत मांगी। इस पर एसीबी ने 21 जून को गोपनीय सत्यापन किया। जिसमें मूलसिंह को चार हजार रुपये दिए गए और उसने दस हजार रुपये की और मांग की।
इस पर रघुवीर सिंह ने रिश्वत की आठ हजार रुपये की राशि बुधवार को पटवारी को दी तो वह उसे अपनी शर्ट की ऊपरी जेब में डालकर हड़ेचा रोड की तरफ निकल गया। डीएसपी अनराज पुरोहित के नेतृत्व में मोहनलाल, सोहनलाल, अवतारसिंह, गोविंद शर्मा, विक्रमसिंह, तेजाराम, सुखराम ने उसका पीछा किया और आशापूर्णा टाउनशिप के पास उसे पकड़ा। उसकी शर्ट की ऊपरी जेब से आठ हजार रुपये बरामद किए।
-कैश और संपत्ति का मालिक
कार्यवाही के बाद पटवारी के आशापूर्णा टाउनशिप स्थित भव्य मकान की तलाशी ली गई तो वहां से अवैध रूप से रखे हुए पांच लाख 32 हजार 650 रुपये बरामद किए। इसके अलावा बैंक में दस लाख रुपये मिले हैं। उसकी भाई और पत्नी के नाम करीब 11 भूखण्डों के दस्तावेज भी मिले हैं। उसके मकान की कीमत ही लाखों में आंकी जा रही है।
-शिकायतें करने पर करता था परेशान
पटवारी से लोग बहुत परेशान थी। आरोप यह भी हैं कि यदि इसकी हरकत की शिकायत उच्चाधिकारियों से की जाती थी तो यह उन लोगों को काफी परेशान करता था।