नई दिल्ली। बीसीसीआई के टीम इंडिया और न्यूजीलैंड के बीच चल रही क्रिकेट सीरीज को रद्द करने की खबरों के बीच लोढा समिति ने आज स्पष्टीकरण दिया कि उसने बैंकों को बोर्ड के अकाउंट फ्रीज करने के निर्देश नहीं दिये हैं और मौजूदा मैच भी बिना रूकावट के जारी रह सकते हैं।
समिति के अध्यक्ष न्यायाधीश आर एम लोढा ने कहा कि उन्होंने बैंकों से बीसीसीआई के अकाउंटों को फ्रीज करने के लिये नहीं कहा है। उन्होंने कहा समिति ने बैंकों से बीसीसीआई को उनके रोजाना कार्यों के लिये भुगतान रोकने के निर्देश नहीं दिये हैं। हमने केवल बीसीसीआई से राज्य क्रिकेट संघों को बड़े भुगतान नहीं करने के लिये कहा है। न्यायाधीश ने कहा कि दैनिक कार्यों के लिये आवश्यक भुगतान और पहले की ही तरह क्रिकेट मैचों के आयोजन जारी रहने चाहियें। इससे एक दिन पहले सोमवार को लोढा समिति की ओर से एक आधिकारिक बयान में कहा गया था कि उन्होंने बैंकों से बीसीसीआई को भुगतान रोकने के लिये कहा है। इसके बाद नाराज बीसीसीआई की ओर से खबर आई कि इस स्थिति में वह भारत और न्यूजीलैंड के बीच मौजूदा सीरीज को ही रद्द कर देंगे।
भारत ने दूसरे क्रिकेट टेस्ट के चौथे दिन सोमवार को जीत दर्ज करने के साथ तीन टेस्टों की सीरीज 2-0 से अपने नाम कर ली थी। लेकिन सीरीज का एक मैच शेष है जबकि दोनों टीमों के बीच पांच वनडे मैचों की सीरीज भी अभी बाकी है। हालांकि जस्टिस लोढा ने मंगलवार को इस मामले पर सफाई देते हुये कहा कि उन्होंने बैंकों से बीसीसीआई के अकाउंट को फ्रीज करने जैसे कोई निर्देश नहीं दिये हैं।
लोढा समिति ने ईमेल के जरिये दो बैंकों को बीसीसीआई के अकाउंट से भुगतान नहीं करने के लिये कहा था। लेकिन क्रिकइंफो के अनुसार लोढा समिति के सचिव गोपाल शंकरनारायणन ने यह पुष्टि की है कि समिति ने केवल दो विशेष तरह के भुगतान ही रोकने के लिये कहा था। उन्होंने बताया कि समिति ने बैंकों को बीसीसीआई के सदस्य क्रिकेट संघों को आधारभूत ढांचें की सब्सिडी और बीसीसीआई को प्रसारकों से चैंपियंस लीग ट्वंटी 20 टूर्नामेंट के लिये मिले धन के भुगतान नहीं करने के लिये कहा था क्योंकि यह टूर्नामेंट रद्द हो चुका है।
लोढा समिति सचिव ने कहा कि बैंकों को दिये गये निर्देश केवल दो विशेष भुगतान तक ही सीमित थे और उन्होंने मौजूदा न्यूजीलैंड सीरीज या भविष्य में अन्य किन्हीं मैचों को आयोजित करने से रोकने जैसी कोई धमकी नहीं दी है। शंकरनारायणन ने कहा समिति की चिंता केवल उन दो बड़े भुगतानों को लेकर थी क्योंकि वह नहीं चाहती कि रातोंरात इतने व्यापक भुगतान बीसीसीआई के अकाउंट से हो जाएं।
इससे पहले 31 अगस्त को लोढा समिति ने बीसीसीआई को निर्देश जारी किये थे कि वे अपनी विशेष आम बैठक (एसजीएम) में भविष्य से जुड़े कोई निर्णय न लेकर केवल रोजमर्रा के काम निपटाये। लेकिन समिति के निर्देशों से उलट बीसीसीआई ने बैठक में क्रिकेट संघों को वित्तीय भुगतान के निर्णय भी लिये। समिति ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुये कहा कि वित्तीय लेनदेन के निर्णय रोजमर्रा के कामों का हिस्सा नहीं हैं इसलिये इस एसजीएम में लिये गये यह निर्णय ‘अवैध’ करार दिये जाते हैं।
लोढा समिति सचिव ने सोमवार को बैंकों को जारी आधिकारिक बयान में कहा था आप इस बात से भी अवगत हैं कि बीसीसीआई ने माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णय की अवमानना करने का प्रयास किया है और साथ ही समिति की पहली समयसीमा का भी उल्लंघन किया है।
समिति ने बैंको को दिये अपने निर्देश में कहा कि समिति की स्थिति रिपोर्ट पर गुरूवार को सर्वाेच्च न्यायालय में सुनवाई होनी है और ऐसे में आपको निर्देश दिया जाता है कि 31 अगस्त के निर्देश के बाद वित्तीय लेनदेन के लिये अनुमोदित राशि को जारी न किया जाए। इस निर्देश के उल्लंघन करने पर मामले को उच्चतम न्यायालय के समक्ष उचित कार्रवाई के लिये उठाया जाएगा।
इस पूरे मामले के तूल पकडऩे के बाद न्यायाधीश लोढा ने भी अपनी सफाई में कहा कि उनके बैंकों को जारी किये गये निर्देशों का गलत अर्थ निकाला गया है। उन्होंने कहा बीसीसीआई को भेजे गये हमारे ईमेल का यह गलत अर्थ और गलत संवाद है।
हमने बोर्ड के कोई अकाउंट फ्रीज नहीं करवाये हैं। बैंकों को मैचों , क्रिकेट गतिविधियों और प्रशासनिक कार्यों के लिये भुगतान सुनिश्चित करने को कहा गया है। भारत और न्यूजीलैंड सीरीज को लेकर समिति अध्यक्ष ने कहा कि कोई भी सीरीज या मैच रद्द नहीं होगा। न्यूजीलैंड के साथ घरेलू सीरीज समाप्त होने के बाद इंग्लैंड की टीम भारत दौरे पर आयेगी।
इस बीच न्यूजीलैंड क्रिकेट प्रवक्ता ने भी साफ कर दिया है कि भारत के साथ सीरीज रद्द होने को लेकर उन्हें कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है। उन्होंने कहा कीवी टीम के भारत दौरे के रद्द होने को लेकर उनसे कोई संपर्क नहीं किया गया है और दौरा अपने तय कार्यक्रम के हिसाब से ही आगे बढ़ेगा। हमारी कीवी टीम फिलहाल इंदौर में तीसरे टेस्ट की तैयारियों में जुट गयी है।