खंडवा। मध्यप्रदेश शासन द्वारा सिनेमा की बहुआयामी विधाओं के लिए स्थापित राष्ट्रीय किशोर कुमार सम्मान वर्ष 2013-14 में निर्देशन के लिए विख्यात फिल्मकार सई परांजपे तथा 2014-15 में अभिनय के लिए शीर्षस्थ, सुप्रतिष्ठित अभिनेता दिलीप कुमार को प्रदान किए जाने का निर्णय लिया गया है।
इस आशय का निर्णय सम्मान के लिए गठित चयन समिति की बैठक में लिया गया जो पिछले दिनों मुम्बई में आयोजित की गई थी।
इस समिति में विख्यात पत्रकार, फिल्मकार खालिद मोहम्मद, माधुरी पत्रिका के पूर्व सम्पादक एवं सिनेमा सलाहकार विनोद तिवारी तथा फिल्म अभिनेता गोविन्द नामदेव शामिल थे। समिति ने सर्वसम्मत निर्णय लेकर निर्देशन के क्षेत्र में भारतीय सिनेमा की महत्वपूर्ण फिल्मकार निर्देशक सई परांजपे एवं शीर्षस्थ अभिनेता दिलीप कुमार का नाम इस सम्मान के लिए अनुशंसित किया।
राज्य शासन चयन समिति की सर्वसम्मत अनुशंसा को अपने लिए बंधनकारी मानता है। सई परांजपे ने सम्मान की सूचना पर सहमति प्रदान की है, उनका अलंकरण 13 अक्टूबर को खण्डवा में आयोजित एक गरिमामय समारोह में किया जा रहा है। दिलीप कुमार की ओर से सम्मान के सम्बन्ध में निर्णय की प्रतीक्षा है। यह सम्मान उन्हें उनके निवास पर समय प्रदान किए जाने पर भेंट किया जा सकेगा।
सुश्री सई परांजपे की प्रतिष्ठा एक उत्कृष्ट, कल्पनाशील और गहन दृष्टिसम्पन्न फिल्मकार निर्देशक के रूप में है जिनका सृजनात्मक सरोकार राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में एक रंगकर्मी से आरम्भ होकर टेलीविजन धारावाहिकों और सिनेमा तक सक्रिय बना रहा है। उनकी फिल्में जादू का शंख, स्पर्श, चश्मे बद्दूर, कथा, दिशा, पपीहा, साज, भागो भूत, चकाचक, सुई, अंगूठा छाप, चूड़ियाँ भारतीय जनमानस में अलग-अलग कालखण्ड में अनेक मर्मस्पर्शी स्मृतियों के साथ अंकित हैं।
इसी प्रकार दिलीप कुमार की ख्याति न केवल देश बल्कि दुनिया के दर्शक समाज में एक अत्यन्त आदरणीय एवं महान कलाकार के रूप में सर्वख्यात है। वे सिनेमा के प्रत्येक कलाकार के अविभावक, प्रेरणास्रोत और एक तरह से अभिनय-अभिव्यक्ति के उच्चकोटि के शिखर पर प्रतिष्ठापित वो आदर्श हैं जिनकी ऊष्मा निरन्तर हमारी फिल्मों में महसूस की जाती है।
वे सिनेमा में छ: दशक से भी ज्यादा वर्षों से सक्रिय रहे हैं एवं उनका सिनेमा, फिल्म इतिहास में मील का पत्थर और कीर्तिमान रचने वाला रहा है। 1944 में ज्वारभाटा से अभिनय के संसार में प्रवेश करने वाले दिलीप कुमार की अनेकानेक श्रेष्ठ फिल्मों में से कुछ फिल्में सहज उल्लेखनीय हैं, जिनमें जुगनू, शहीद, मेला, अन्दाज, दीदार, दाग, अमर, देवदास, आजाद, नया दौर, मुसाफिर, यहूदी, मधुमति, कोहिनूर, मुगले आजम, गंगा जमना, संघर्ष, राम और श्याम, आदमी, गोपी, बैराग, क्रान्ति, विधाता, शक्ति, मजदूर, मशाल, कर्मा, सौदागर आदि प्रमुख हैं।