मुंबई। बहुमंजिला आदर्श हाउसिंग सोसायटी की इमारत ढहाने का आदेश देते हुए बंबई उच्च न्यायालय ने इसके सदस्यों को एक ऐसा भूखंड हथियाने के लिए नेताओं और नौकरशाहों के साथ साजिश रचने के लिए जिम्मेदार ठहराया जो एक आवासीय क्षेत्र के रूप में विकास योजना में अस्तित्व में ही नहींं था।
अदालत ने आदेश में कहा कि इसे एक सड़क की जगह देकर बनाया गया। सोमवार को उपलब्ध कराए गए 223 पेज के फैसले में न्यायाधीश रंजीत मोरे और न्यायाधीश राजेश केतकर की खंडपीठ ने कहा कि सोसायटी के सदस्य उच्चपदस्थ नौकरशाहों के रिश्तेदार और नेताओं या मंत्रियों के करीबी थे।
उच्च न्यायालय ने 29 अप्रेल को प्रभावी हिस्सा जारी करते हुए शक्तियों के दुरूपयोग के लिए नेताओं और नौकरशाहों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही के लिए कहा। अदालत ने कहा कि वास्तविक रूप से करगिल युद्ध के जांबाजों तथा शहीदों की पत्नियों वाली सोसायटी अवैध रूप से बनाई गई।
फैसले में कहा गया कि हम इस बात से बहुत ज्यादा संतुष्ट हैं कि आवंटन पारदर्शी तरीके से नहीं किया गया और यह साफ तौर पर पक्षपात और भाई भतीजावाद है। अदालत ने कहा कि नौकरशाहों और मंत्रियों ने कानून का उल्लंघन करके संपत्ति निस्तारण में बेईमानी की।