कानपुर। कानपुर के घाटमपुर कोतवाली क्षेत्र में सगे चाचा ने अपनी ही ढाई साल के मासूम भतीजे को मौत के घाट उतार दिया और उसके बाद उसे जमीन पर दफन कर दिया। जब मासूम के घरवाले को पता चल तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई और दरिन्दे हत्यारें को पीट -पीट कर पुलिस के हवाले कर दिया।
ये दर्दनाक घटना है साढ़ चौकी क्षेत्र के रातेपुर गांव की जहां पर एक नशेबाज चाचा ने अपने सगे भतीजे को मौत के घाट उतार दिया। रातेपुर गांव निवासी किसान लल्लन के पांच बच्चे है। जिनमे उनके ढाई साल के सबसे छोटे बेटे अंशू को लल्लन के छोटे भाई उपेन्द्र ने मौत की नींद सुला दिया।
लल्लन ने बताया कि शुक्रवार सुबह 10 बजे से उसका बेटा अंशु व भाई उपेन्द्र घर पर नही थे तो उन्होंने सोचा कि उपेन्द्र उसको कही ले गया होगा। लेकिन जब दो बजे उपेन्द्र घर लौटा और उससे अंशु के बारे में पूछा गया तो वो जोर सी चींखने लगा की मै नही जानता की कहां है अंशु तभी उसकी आवाज सुनकर गांव के लोग इकट्ठा हो गए और उपेन्द्र के साथ ही अंशु को देखने की बात कही।
पिटाई के बाद कबूला सच
ग्रामीणों की बात सुनते ही लल्लन ने उपेन्द्र को पीटना शुरू कर दिया मार पड़ते ही उपेन्द्र ने सच बयां कर दिया और बताया की उसने गॉव से तकरीबन एक किलोमीटर दूर नहर किनारे अंशू को मार कर दफन कर दिया है ये सुनते ही पूरे परिवार की चीख निकल पड़ी और सभी नहर की तरफ उपेन्द्र को लेकर दौड़ पड़े। जैसे ही उपेन्द्र द्वारा बताई हुई जगह को खोदा गया तो मासूम मौत की नींद सोया हुआ था। उसको इस हाल में देख मां सुषमा बेहोश होकर गिर पड़ी।
एक साल पहले हुआ था दिमाग का इलाज
उपेन्द्र का एक साल पहले मानसिक रूप से बीमार हो गया था जिसके चलते उसका इलाज भी एक साल पूर्व चला था और अब वो नशेबाज हो गया था फ़िलहाल वारदात को अंजाम देने का कारण अभी नही पता चला है।
क्या कहती है पुलिस
घाटमपुर एसओ ने बताया की मासूम की गला घोटकर हत्या की गई और हत्यारोपी मानसिक रूप से बीमार मालूम पड़ता है शव को कब्जें में लेकर पोस्टमार्टम को भेजा दिया गया और हत्यारोपी से पूछतांछ की जा रही है।