सबगुरु न्यूज-माउण्ट आबू। केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के राज्य मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत ने यहां पत्रकार वार्ता में कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य में भूमि की लागत भी शामिल किया जाना भारत ही नहीं विदेशों में भी संभव नहीं है। उन्होंने दावा किया कि ऐसा करने से देश के अलग अलग क्षेत्रों के किसानों को अलग-अलग न्यून्तम समर्थन मूल्य मिलेगा। वे माउण्ट आबू में शंकर विद्यापीठ द्वारा संचालित भारत की तीन में से एक अंग्रेजी माध्यम की आदर्श विद्या मंदिर के वार्षिकोत्सव के दौरान यहां पर पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे।
शेखावत ने कहा कि एनडीए सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की 92 प्रतिशत रिकमंडेशन को लागू कर दिया है। उन्होने दावा किया है कि पिछले तीन वर्षों में किसानों की फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य में 22 प्रतिशत की बढोतरी की गई है। किसानों को फसलों का समान मूल्य मिले इसके लिए देश की 495 मंडियों को इनाम योजना के माध्यम से आॅनलाइन किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमत्रंी ने 2022 तक किसानों की आय का दोगुना करने का वादा किया है। इसके लिए एक तो कृषि में होने वाले खर्च को कम करने दूसरा फसल का अच्छा लागत मूल्य दिलवाने की दिशा में काम किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि किसानों को कम फर्टीलाइजर इस्तेमाल करने की दिशा प्रेरित करने के लिए साॅइल हेल्थ कार्ड जारी किए जा रहे हैं। वहीं सिंचाई की लागत कम करने के लिए प्रथम चरण में 25 परियोजनाओं को पूर्ण करके 5 लाख हैक्टेयर भूमि को सिंचित किया गया है। दूसरे चरण में 34 परियोजनाओं पर काम चल रहा है, इससे 10 लाख हैक्टेयर भूमि को सिंचित किया जा सकेगा। स्वामीनाथन आयोग की रिकमंडेशन के अनुसार कृषि को समवर्ती सूची में शामिल करने के सवाल पर उन्होंने कहा िक इसके लिए संविधान संशोधन किया जाना आवश्यक है और यह कितना मुश्किल है यह किसी से छिपा नहीं है।
केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री ने कहा कि किसानों को अंब्रेला योजना के तहत लाया जा रहा है इसके तहत उनकी फसलों के समुचित दाम के साथ फसलों की सुरक्षा के लिए उपयुक्त उपाय किए गए है। उन्होंने बताया कि इसके लिए डेढ प्रतिशत प्रीमियम पर कृषि बीमा किया जा रहा है, साथ में उन्होंने यह भी जोडा कि इसका इम्प्लीमेंटेशन राज्यों के हाथ में है इसलिए एक राज्य से दूसरे राज्य में इसकी प्र्रगति में कमी नजर आ सकती है, लेकिन इससे किसानों को फसलों पर पडने वाली मौसम की मार से सुरक्षा मिलेगी।
कोयले की कमी से होने वाली बिजली की कटौती से किसानों के खरीफ की फसल पर पड रही मार के सवाल पर उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने कोयले का आयात बढाया हुआ था। हमने कोयले का आयात शून्य करके अपने ही संसाधनों का इस्तेमाल करने का संकल्प किया था। हमने इसे शून्य कर दिया है। पिछले दिनों कोयला माईन वाले क्षेत्रों में बेमौसम बारिश होने से वहां पर कोयले की खुदाई प्रभावित हुई थी, जिससे गुजरात, मध्यप्रदेश,राजस्थान में बिजली का उत्पादन प्रभावित हुआ है। उन्होंने दावा किया कि अगले चार दिनों में कोयला सप्लाई यथावत हो जाएगी।
राजस्थान और गुजरात में डीजल के दामों में अंतर के सवाल पर उन्होंने कहा कि कई लोगों की मांग है कि हाईड्रोकार्बन प्रोडक्ट को भी जीएसटी में शामिल किया जाए। कई राज्य इस पर सहमत भी हो गए हैं। जैसे ही आम सहमति बनेगी वैसे ही पेट्रो प्रोडक्टस के दामों में अंतर भी नहीं रहेगा।
गुजरात के चुनाव को भाजपा का लिटमस टेस्ट होने के सवाल पर केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री ने कहा कि गुजरात में प्रधानमंत्री की लोकप्रियता और उनके प्रति जनता का विश्वास बरकरार है। इस बार भाजपा वहां पर पहले से ज्यादा सीटों पर जीतेगी और अपनी सरकार बनाएगी।