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वैश्विक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण हैं भारत-अमरीका संबंध : मोदी – Sabguru News
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वैश्विक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण हैं भारत-अमरीका संबंध : मोदी

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वैश्विक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण हैं भारत-अमरीका संबंध : मोदी
addressing Congress, indian Prime Minister Narendra modi calls for closer relations between india and US
addressing Congress, indian Prime Minister Narendra modi calls for closer relations between india and US
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वाशिंगटन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अमरीकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि आपसी सहयोग से दुनिया के दो बड़े लोकतंत्रों को परस्पर फायदा होगा तथा दुनिया में शांति, स्मृद्धि और स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा।

भारत-अमरीकी संबंधों को साझा सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बताते हुए मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति ओबामा ने भारत-अमरीकी संबंधों को 21वीं सदी की निर्णायक साझेदारी बताया है तो ये कोई आश्चर्य नहीं है। हमारे रिश्ते अब इतिहास की हिचकिचाहट से आगे बढ़ गए हैं। हमारा सबसे ज्यादा कारोबार अमरीका के साथ है, साझा कारोबार से दोनों देशों को फायदा हुआ है।

उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि दोनों देशों को अपने साझा मूल्यों तथा विचारों को व्यावहारिकता के धरातल पर उतारते हुए अतीत की छाया को भुलाकर आगे बढऩा चाहिए। कांग्रेस सदस्यों की तालियों की गडग़ड़ाहट के बीच उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच मजबूत साझीदारी से एशिया से लेकर अफ्रीका और हिन्द महासागर से लेकर प्रशांत महासागर तक शांति, स्मृद्धि तथा स्थिरता आएगी।

भारत को अमरीका का भरोसेमंद साझीदार बताते हुए उन्होंने कहा कि 7.6 फीसदी की दर से बढ़ रही भारतीय अर्थव्यवस्था दोनों देशों की परस्पर आर्थिक मजबूती के लिए नए अवसर लेकर आई है।
मोदी ने कहा कि मेरा सपना प्रत्येक भारतीय को आर्थिक एंव समाजिक बदलाव के जरिए आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। एक मजबूत और समृद्ध भारत अमरीका के रणनीतिक हित में है।

addressing Congress, indian Prime Minister Narendra modi calls for closer relations between india and US
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान पर करते हुए कहा कि आतंकवाद का गढ़ भारत के पड़ोस में है और दहशतगर्दों को पालने वालों को अलग-थलग करना जरूरी है। भारत एशि‍या से लेकर अफ्रीका तक शांति चाहता है और आतंकवाद हर तरीके से विरोध करना होगा। उन्होंने कहा कि अच्छे और बुरे आतंकवाद में कोई फर्क नहीं होता और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में मानवता पर विश्वास रखने वालों को एकजुट होना पड़ेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने चिरपरिचित अंदाज में अमरीकी कांग्रेस में प्रवेश किया और सबसे हाथ मिलाते हुए मंच पर पहुंचे। मोदी का अभिवादन स्वीकारते हुए अमरीकी कांग्रेस के सदस्यों ने भी उनका तालियों के साथ जोरदार स्वागत किया।

मंच पर पहुंचते ही उन्होंने कहा कि अमरीका वीरों का देश है। उन्होंने कहा कि ये सदन लोकतंत्र का मंदिर है जिसने दूसरे देशों में लोकतंत्र को मजबूत किया है। अमेरिकी संसद में अमरीका के दिग्गज नेताओं के समक्ष बोलना सौभाग्य की बात है। मुझे यहां संबोधन का मौका देकर आपने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और उसकी सवा सौ करोड़ जनता का सम्मान किया है।

मोदी ने भारत और अमरीका के महापुरुषों और उनके विचारों के एक-दूसरे पर प्रभावों का भी उल्लेख किया। मोदी ने कहा कि थोरोस के सविनय अवज्ञा आंदोलन ने भारत के राजनीतिक विचारों को प्रभावित किया। इसी तरह स्वामी विवेकानंद के शिकागो में मानवता के संदेश का अमेरिका पर गहरा असर डाला। महात्मा गांधी के अहिंसा के विचार ने मार्टिन लूथर किंग को प्रभावित किया।

उन्होंने कहा कि वाशिंगटन में मार्टिन लूथर किंग और गांधी की निकट में बनी प्रतिमाएं हमारे अहिंसा, समानता, स्वतंत्रता के हमारे साझा मूल्यों को प्रतिबिंबित करती हैं। उन्होंने कहा कि इसी तरह कोलंबिया यूनिवर्सिटी में पढ़ाई ने डा. भीम राव अंबेडकर के मूल्यों को मजबूत किया। अमरीका संविधान की समझ का इस्तेमाल अंबेडकर ने भारत के संविधान के निर्माण में किया।

मोदी ने बाबा साहेब अम्बेडकर का जिक्र करते हुए कहा कि बाबा साहेब ने यहां के कोलंबिया विश्वविद्यालय में वर्षों बिताया और अपनी प्रतिभा को निखारा। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी भारत और अमेरिका को ‘स्वाभाविक सहयोगी’ सहयोगी कहा था। महात्मा गांधी के अहिंसा के संदेश ने मार्टिन लूथर किंग को प्रभावित किया। मोदी के इतना कहते ही अमरीकी संसद ने उन्हें स्टैंडिंग ओवेशन दिया।

उन्होंने कहा कि भारत एक है और इसकी एक ही पवित्र किताब है वह है हमारा संविधान। इसके बाद उन्होंने मुंबई हमले के दौरान भारत के लिए जरूरी समय में मदद का हाथ बढ़ाने के लिए धन्यवाद दिया। मोदी ने कहा कि भारत मानवता की सेवा में इस भूमि की महिलाओं और पुरुषों के महान बलिदान की सराहना करता है।

योग को विश्व धरोहर बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत के हजारों साल पुराने योग को अमरीका में 3 करोड़ लोग अपना चुके हैं। कर्व बॉल थ्रो करने से ज्यादा योग के लिए यहां के लोग अपने शरीर को मोड़ते हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने अब तक योग पर इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट का दावा भी नहीं ठोंका है।

राज्यसभा में कम बहुमत से पैदा हो रही समस्याओं का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने इशारों में कहा कि उन्हें बताया गया है कि यहां कांग्रेस में कार्यक्रम अच्छे माहौल में होती है। यह भी पता चला कि आप हर दल को मौके देते हैं। आप अकेले नहीं हैं। वह भी समय-समय पर भारत की संसद में ऐसा करते हैं। खासतौर पर अपर हाउस (राज्यसभा) में। इस तरह हमारे-आपके तरीके एक जैसे हैं।

अपने चिर परिचित सफेद कुर्ता पायजामा और स्लेटी रंग की जैकेट पहने मोदी का अमरीकी सांसदों ने गर्मजोशी से स्वागत किया और हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में मोदी के आते ही अमरीका सांसदों ने खड़े होकर तालियां बजाईं। लगातार चार मिनट तक ताली बजी। मोदी ने कई सांसदों से हाथ मिलाया।

मोदी की 48 मिनट की स्पीच के दौरान 66 बार तालियां बजीं और कम से कम 8 बार स्टैंडिंग ओवेशन दिया गया । जैसे ही मोदी ने अपनी स्पीच खत्म की वहां मौजूद अमेरिकी सांसदों में उनसे हाथ मिलना, ऑटोग्राफ लेने की होड़ लग गई।

अमरीका दौरे के दूसरे दिन मोदी बुधवार को कैपिटल हिल पहुंचे। कैपिटल हिल में स्पीकर पॉल रेयान ने पीएम मोदी का औपचारिक स्वागत किया। पीएम मोदी ने इससे पहले दिन भर विभिन्न कार्यक्रमों को संबोधित किया।

पंडित नेहरू, राजीव गांधी, नरसिम्हा राव, अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह के बाद वे अमरीकी संसद में भाषण देने वाले छठे भारतीय प्रधानमंत्री हैं। पिछली बार 2005 में मनमोहन यहां आए थे। वहीं, 1949 में पहली बार पंडित नेहरू ने यहां भाषण दिया था। मोदी को हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव के स्पीकर पॉल रेयान ने न्यौता दिया था।