सबगुरु न्यूज-सिरोही। नगर परिषद का एक और कारनामा सामने आ रहा है। यह कारनामा कितना वैध और अवैध है यह तो जांच के बाद पता चलेगा, लेकिन खसरा संख्या 1218 की ही तरह खसरा संख्या से करीब बीस मीटर दूरी पर स्थित 1221 और करीब एक किलोमीटर दूर स्थित खसरा संख्या 1026 भी निकट भविष्य में विवादों के केन्द्र में रहेगा।
इस जमीन को हाल ही में सभापति और भाजपा ब्लॉक अध्यक्ष के अनुरोध के बाद सिरोही के निवर्तमान तहसीलदार की ओर से करवाए गए सर्वे में प्रशासन की भूमि बताते हुए इस पर दो जनों को कब्जा बताया गया है, लेकिन नगर परिषद के पूर्व आयुक्त लालसिंह राणावत ने इसका भी पटï्टा बना दिया।
-आयुक्त ने अकेले हस्ताक्षर से जारी कर दिए पटटे
सबगुरु न्यूज के पास इन दोनों खसरा संख्या के जो पटटे हैं उस पर आयुक्त के ही हस्ताक्षर हैं। सभापति से इस पर हस्ताक्षर नहीं करवाए गए हैं।
खसरा संख्या 1026 पर पति-पत्नी को तथा 1221 पर खसरा संख्या 1026 और खरसरा संख्या 1218 में पटटा बनवा चुके व्यक्ति के नाम से ही नियमन कर दिया है।
खसरा संख्या 1218 की तरह ही इस जमीन की खातेदारी भी क्योंकि राज्य सरकार के नाम से ही ऐसे में इस पर जारी किया हुआ नियमन का पटï्टा भी 1218 की ही तरह अवैध है। वैसे यह दोनों खसरा संख्या को जिनके नाम से नियमित किए गए हैं, उन पर खसरा संख्या 1218 में भी मेहरबानी बरसाई गई है।
-पहली सूची में कॉलोनाइजर्स समेत 50 अतिक्रमी
सिरोही के पूर्व तहसीलदार विरेन्द्रसिंह भाटी ने जब खसरा संख्या 1218 से अतिक्रमियों को बेदखल करने का आदेश देकर जिला कलक्टर महेन्द्रसिंह काला के बाद शहर में एक बड़ी कार्रवाई को अंजमा दिया।
इससे जब राजनीतिक भूचाल उपजा तो सिरोही सभापति व ब्लॉक अध्यक्ष समेत भाजपा के कुछ नेता तहसीलदार से मिले औरे पूरे सिरोही के अतिक्रमणों की सूची बनाने अनुरोध किया। इसके बाद सिरोही एक ओर दो में उन्होंने सर्वे करवाया।
सूत्रों के अनुसार सिरोही प्रथम की जो सूची आई उसमें अतिक्रमण करने वालों में सिरोही के प्रमुख कॉलोनाइजरों और नामचीन लोगों समेत करीब पचास लोग शामिल हैं। इन सभी को पूर्व तहसीलदार ने नोटिस भी जारी कर दिया।