जहानाबाद। बिहार के जहानाबाद जिले के काको थाना क्षेत्र में अंधविश्वास के कारण इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है, जहां एक नि:संतान दंपति ने अपनी संतान की चाह में पड़ोसी के बच्चे की हत्या कर दी।
पुलिस के अनुसार नदियांवा गांव निवासी राधेश्याम की पत्नी सुषमा देवी को विवाह के आठ साल गुजर जाने के बाद भी संतान का सुख नहीं मिला था। इस दंपति ने कई चिकित्सकों से भी इलाज कराया, परंतु उन्हें कोई फायदा नहीं हुआ।
इसी क्रम में अंधविश्वास के चक्कर में सुषमा गया जिले के बेलागंज थाना क्षेत्र के ओर गांव निवासी संगीता देवी के संपर्क में आई। संगीता को आसपास के लोग तांत्रिक (भक्तिन) के रूप में जानते हैं।
जहानाबाद के पुलिस अधीक्षक आदित्य कुमार ने बुधवार को बताया कि संगीता लोगों को झांसा देकर नि:संतान दंपतियों को संतान सुख देने को लेकर झाड़-फूंक करती थी। आरोप है कि संगीता ने बहुत दिनों तक सुषमा का इलाज किया। इसी दौरान सुषमा गर्भवती हो गई।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इसी दौरान भक्तिन ने सुषमा को कहा कि यदि तुम्हें संतान सुख प्राप्त करना है, तो तुम्हें किसी बच्चे की हत्या (बलि) करनी होगी और देवता (भगवान) को खुश करना होगा।
संतान की चाह में राधेश्याम और सुषमा ने पड़ोसी जितेंद्र पंडित एवं ममता देवी के पुत्र दीपक (7), को 12 अप्रैल को घर के एक बडे टब में पानी में डूबो कर मार डाला, जो प्रतिदिन उसके यहां टीवी देखने आता था। इस मौके पर महिला भक्तिन भी उपस्थित थी।
दीपक की हत्या से पहले उसके सिर का मुंडन किया गया। हत्या के बाद शव को बोरे में बांधकर पहले से ही आंगन में रखी ईंटों में छिपाया और रात में घर के पीछे जमीन के अंदर दबा दिया गया।
इस दौरान दीपक के लापता होने की खबर गांव में फैल गई और इसकी सूचना पुलिस को दे दी गई।
पुलिस अधीक्षक कुमार ने बताया कि शक के आधार पर पुलिस राधेश्याम के मोबाइल फोन नंबरों को ट्रैक कर रही थी। इसी क्रम में पुलिस ने राधेश्याम को मंगलवार को हिरासत में लेकर पूछताछ की, तो वह टूट गया और मामले का खुलासा कर दिया।
इसके बाद पुलिस ने छिपाकर जमीन के अंदर गाड़े गए शव को बरामद कर लिया। उन्होंने बताया कि इस मामले में भक्तिन संगीता देवी, उसके पति प्रभु रजक, राधेश्याम और सुषमा को गिरफ्तार कर लिया गया है।