काबुल। अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने एक दिन पहले राजधानी काबुल में हुए भीषण आत्मघाती हमले में पाकिस्तान का हाथ सामने आने के बाद गुरुवार को अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने पाकिस्तान साथ सारे खेल संबंध तोड़ने का फैसला किया है।
अफगानिस्तान की खुफिया एजेंसी ने काबुल में हुए आतंकवादी हमले में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी की संलिप्तता का आरोप लगाया है, जिसमें 90 लोगों की मौत हो गई और 463 लोग घायल हुए हैं।
समाचार एजेंसी एफे को दिए एक बयान में एसीबी के मीडिया निदेशक अजीज घरवाल ने कहा, “इस घातक हमले के बाद और सुरक्षा सेवाओं द्वारा किए गए खुलासे एवं अफगानिस्तान सरकार की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद हमने पाकिस्तान के साथ हर स्तर के मैचों और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के साथ प्रारंभिक पारस्परिक समझौतों को रद्द करने का फैसला लिया है।
अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशालय का कहना है कि काबुल में हुए हमले में हक्कानी नेटवर्क का हाथ है, जो आतंकवादी संगठन तालिबान से जुड़ा हुआ है और इसके ठिकाने पाकिस्तान में हैं।
एसीबी ने अपने फैसले में यह भी कहा है कि इस हमले में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का भी हाथ है। उल्लेखनीय है कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के क्रिकेट बोर्डो ने अपने क्रिकेट संबंधों को बहाल करने के लिए आपस में दो दोस्ताना मैच खेलने का फैसला किया था।
इस क्रम में दोनों देशों के बीच इस साल जुलाई और अगस्त में लाहौर में दोस्ताना टी-20 मैच खेले जाने थे। हालांकि, काबुल हमले के कारण इन मैचों को रद्द कर दिया गया है।
एसीबी ने कहा कि निर्दोष और निराश्रित लोगों की हत्या करने वाले अफगानिस्तान की शांति और स्थिरता के दुश्मनों ने दर्शाया है कि वह हमारी दोस्ती के लायक नहीं हैं और वे अफगानिस्तान के लोगों के प्रति अपना रूख नहीं बदलेंगे।
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने टेलीविजन पर प्रसारित अपने संदेश में कहा है कि शांति के पथ पर न चलने वाले और बाहरी लोगों के झांसे में आकर उनके निर्देशों के तहत काम करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का समय आ गया है।