काबुल। चीन द्वारा सभी लोकप्रिय इंस्टैंट मैसेजिंग एप पर प्रतिबंध लगाने के करीब एक महीने बाद अफगानिस्तान ने शनिवार को देश में व्हाट्सएप पर 20 दिनों के लिए रोक लगा दी है।
अफगानिस्तान सरकार ने कई निजी दूरसंचार कंपनियों को देश में व्हाट्सएप और टेलीग्राम इंस्टैंट मैसेजिंग सेवाओं को निलंबित करने के लिए कहा है। इस कदम को नागरिकों की अभिव्यक्ति की आजादी को कम करने के प्रयास के रूप में भी देखा जा रहा है।
रपट के अनुसार सलाम टेलीकॉम के ग्राहकों के लिए व्हाट्सएप और टेलीग्राम दोनों ही काम नहीं कर रहे हैं। सलाम सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी है। अफगानिस्तान के लोगों ने इसे कदम को गलत और गैर-कानूनी करार दिया है।
नाई समूह के कार्यकारी निदेशक अब्दुल मुजीब खलवटगर ने कहा कि संविधान के अनुसार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता अफगानिस्तान में अलंघनीय है। व्हाट्सएप और टेलीग्राम अभिव्यक्ति की आजादी के उपकरण हैं। अगर सरकार उन पर प्रतिबंध लगाती है तो इसका मतलब है कि कल वह अफगानिस्तान में मीडिया के खिलाफ भी खड़ी हो सकती है।
व्हाट्सएप और टेलीग्राम पर लगाए गए प्रतिबंध के कारण गुरुवार को स्पष्ट नहीं हो पाए। दूरसंचार नियामक प्राधिकरण के उपनिदेशक ने बीबीसी को बताया कि प्रतिबंध सुरक्षा कारणों से लगाए गए हैं।
‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने कहा कि व्हाट्सएप और टेलीग्राम अक्सर तालिबान और अन्य आतंकवादी समूहों द्वारा सरकारी निगरानी से बचने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
अफगानिस्तान सरकार ने कहा कि एक नई तकनीक शुरू करने के लिए इन एप पर कुछ समय के लिए प्रतिबंध लगाया गया है, क्योंकि उपयोगकर्ताओं ने व्हाट्सएप की सेवा की गुणवत्ता के बारे में शिकायत की थी।
पिछले महीने वीडियो, वॉइस चैट और व्हाट्सएप पर इमेज को बंद करने के बाद चीन ने व्हाट्सएप पर लिखित संदेश भेजने पर भी प्रतिबंध लगा दिया।
सीएनएन के अनुसार ओपन ऑब्जर्वेटरी ऑफ नेटवर्क इंटरफेरेंस ने बातया था कि चीनी इंटरनेट सेवा प्रदाताओं ने व्हाट्सएप को बंद कर दिया है।
ट्विटर पर मौजूद लोगों की रपट ने इस तरफ इशारा किया है कि सितंबर 19 को कुछ लोग व्हाट्सएप नहीं चला पर रहे थे। पिछले कुछ महीनों में चीन में व्हाट्सएप में काफी खराबी आई है। चीन ने 2009 से फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और गूगल समेत कई इंटरनेट कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया है।