Warning: Undefined variable $td_post_theme_settings in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/news/wp-content/themes/Newspaper/functions.php on line 54
1998 के चैक बाउंस मामले में 18 साल बाद दिलीप कुमार बरी - Sabguru News
Home Entertainment Bollywood 1998 के चैक बाउंस मामले में 18 साल बाद दिलीप कुमार बरी

1998 के चैक बाउंस मामले में 18 साल बाद दिलीप कुमार बरी

0
1998 के चैक बाउंस मामले में 18 साल बाद दिलीप कुमार बरी
after 18 years mumbai court acquits Dilip Kumar in Cheque bounce case
after 18 years mumbai court acquits Dilip Kumar in Cheque bounce case
after 18 years mumbai court acquits Dilip Kumar in Cheque bounce case

मुंबई। जानेमाने अभिनेता दिलीप कुमार को मंगलवार को 1998 के एक चैक बाउंस मामले में एक स्थानीय अदालत ने बरी कर दिया।

गिरगांव के अतिरिक्त मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट बी एस खरडे ने गीके एक्जिम इंडिया लिमिटेड से जुड़े एक मामले में 93 वर्षीय अभिनेता को बरी कर दिया जिसमें वह एक निदेशक थे।

स्मिता श्रॉफ नामक महिला ने कंपनी और उसके 20 निदेशकों के ािलाफ मामला दर्ज कराया था जिसमें दिलीप कुमार उर्फ यूसुफ खान भी निदेशक थे। अदालत ने कुमार के अलावा विमल कुमार राठी को भी बरी कर दिया।

कुमार के वकील ने अदालत में दलील दी कि शिकायती महिला यह साबित नहीं कर सकीं कि अभिनेता कुमार कंपनी के रोजाना के कामकाज में सक्रियता से शामिल थे। हालांकि अदालत ने कंपनी के दो निदेशकों एस सेतुरमन और गोपालकृष्ण राठी को दोषी करार दिया। फरियादी के मुताबिक उन्होंने कोलकाता की कंपनी में जून 1996 में 45 लाख रुपए का निवेश किया था और बदले में उन्हें 57.61 लाख रुपए मिलने की बात थी।

हालांकि जब कंपनी ने नवंबर 1997 में चैक जारी किया तो यह बाउंस हो गया जिसके बाद स्मिता ने शुरूआत में नोटिस भिजवाये और बाद में निगोशियेबिल इंस्ट्रूमेंट्स कानून के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया। आदेश के तुरंत बाद दिलीप कुमार की पत्नी सायरा बानो ने ट्विटर पर लिखा कि वह इस बात से खुश हैं कि उनके पति को मामले में बरी कर दिया गया है।

फैसले के लिए अदालत का शुक्रिया अदा करते हुए 71 वर्षीय अभिनेत्री ने लिखा कि उन्होंने 18 साल तक इस अदालती मामले का सामना किया। ऐसे में भी जबकि उनकी सेहत दुरस्त नहीं है। मैं हमारे सभी शुभचिंतकों, दोस्तों, प्रशंसकों का शुक्रिया अदा करती हूं। दिलीप कुमार को अधिक उम्र होने की वजह से मामले में निजी तौर पर पेश होने से छूट दी गई थी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here