रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र में विपक्ष सत्तारूढ़ सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई। इस पर चर्चा के लिए आसंदी ने 22 दिसंबर का दिन तय किया था लेकिन दोपहर 12 बजे से जो चर्चा शुरू हुई वह 23 दिसंबर सुबह आठ बजे तक चली।
इस दौरान विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव 10 वोटों से धराशाई हो गया। यह चर्चा कुल 20 घंटे तक चली जो प्रदेश के इतिहास की सबसे लंबी बहस है।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा, तो वहीं सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं और सरकार की नीतियों का भी जिक्र किया। इस अविश्वास प्रस्ताव में लगभग 55 से अधिक विधायकों ने पक्ष और विपक्ष की तरफ से अपनी राय रखी।
विपक्ष ने आदिवासियों, बिगड़ती कानून व्यवस्था, सीडी मामले, शिक्षाकर्मी जैसे कई मुद्दों पर जमकर आरोप लगाए। हालांकि कई दफा टकराव की भी नौबत आई। कुछ असंसदीय शब्दों को हटाना भी पड़ा लेकिन आखिर मत विभाजन के बाद सत्ता पक्ष ने जीत दर्ज की।
सदन में उस वक्त माहौल काफी गरम हो गया, जब सदन में सीडी मामले का जिक्र हुआ। इस मुद्दे पर विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच खूब नोक-झोंक हुई। अंत में हुए मतदान में सरकार के खिलाफ कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव 38 के मुकाबले 48 वोट से गिर गया।