करेली/नरसिंहपुर। जनपद पंचायत चांवरपाठा व करेली थाना के अंतर्गत आने वाले ग्राम अंडिया की एकमहिला ने अपने घर में रस्सी से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
महिला के द्वारा की गई आत्महत्या की सूचना करेली पुलिस थाना व गाडरवारा एसडीएम को दी गई तो करेली पुलिस थाने से 7 घंटे बाद ग्राम अंडिया पुहंची वहीं दूसरी ओर सिहोरा सर्किल की नायब तहसीलदार गीतांजली शर्मा 10 घंटे बाद घटनास्थल पर पहुंची।
पुलिस व नायब तहसीलदार के देरी से पहुचने पर पंचनामा बनाने में देरी हुई और मृतक का शव का पंचनामा बनाकर शासकीय अस्पताल करेली लाये जहा पर शव को रात भर रखने के बाद भी दूसरे दिन 27 घंटे बीत जाने के बाद भी शव का पोस्ट मार्टम नही हो सका पोस्टमार्टम न होने की जानकारी जब परिजनों ने मीडियाकमिर्यों को सूचना दी, तो मीडियाकमिर्यों का जमावडा होने से प्रशासन हरकत में आया और 29 घंटे बाद शव का पोस्टमार्टम किया गया।
मृतक महिला के चाचा लखन केवट ने बताया कि ग्राम अंडिया में हमारी भतीजी रजनी बाई पति विष्णु प्रसाद केवट उम्र 28 वर्ष ने बुखार व मस्तिक में दर्द होने को लेकर घर में शुक्रवार की सुवह 9 बजे फांसी लगा ली थी इसकी सूचना करेली पुलिस को दी गई और नायब तहसीलदार को 2 बजे सूचना दी गई परंतु तहसीलदार शाम को पहुंची पंचनामा कर शव को करेली लाया गया रात्रि में शव को रखने के बाद शनिवार देर शाम तक रजनी बाई का पोस्टमार्टम नही हो सका था।
वहीं अस्पताल में पदस्थ डॉ मोहन पटैल से बात की तो उन्होने कहा कि पोस्टमाडम महिला डॉ. करेगीं महिला डॉ. के संबंध में पूछा गया तो उन्होने कहा कि महिला डॉ निशी बसेडिया की डयूटी है पर वह अस्पताल से नदारद है महिला डॉ. न होने के कारण हम पीएम नही कर सकते।
सरपंच नेतराम सिंह केवट डुगरिया सरपंच देवी सिंह पटैल ने मृतक के शव का पीएम न होने को लेकर कहा कि 27 घंटे गुजरने के बाद भी रजनी बाई का पीएम नही हो सका, इसकी सूचना हमने कलेक्टर महोदय को कर दी है। वही दूसरी ओर करेली थाने में पदस्थ नगर सैनिक चन्द्रशेखर से बात की तो उन्होने पर्र्र्ची दिखाते हुये कहा कि करेली के डॉ. पटैल ने शव को नरसिंहपुर ले जा कर पीएम करवाने की बात कही।
करेली के शासकीय अस्पताल के अनियमित्तओं के संबध में लोगों ने बताया कि इस अस्पताल से छोटे मोटे मरीजों को नरसिंहपुर रिफर किया जाता है। और अब तो मृतक के शव को भी पीएम के लिये नरसिंहपुर रिफर करने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। महिला डॉ. निशी बसेडिया के द्वारा इलाज न करने की शिकायत सीएम की हेप्ललाईन में पूर्व में की गई थी पर इस पर कोई कायर्वाही नही हो सकी।
इसी तरह 6 माह पहले 1 महिला का शव 2 दिन तक अस्पताल में रखा गया था जिसका पीएम 2 दिन बाद हो सका इस महिला की शव को लेकर समाचार पत्रों में प्रकाशित किया था जिसपर मानव अधिकार आयोग संज्ञान लेकर जांच की बात की थी पर जांच भी ठंडे बस्ते में चली गई और संबंधित डॉक्टरों पर कोई कायर्वाही नही हो पाई।