नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में बीते एक माह से अनशन पर बैठे तमिलनाडु के किसानों ने 40 दिन के लिए धरना-प्रदर्शन स्थगित करने की घोषणा की है।
रविवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलनिस्वामी से मुलाकात के बाद किसानों ने 25 मई तक के लिए विरोध-प्रदर्शन टालने का फैसला किया।
किसानों से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री पलनिस्वामी ने किसानों की पूरी मदद करने का आश्वासन दिया और कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष उनकी कर्जमाफी का मुद्दा उठाएंगे।
विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे किसान संगठन ‘नेशनल साउथ इंडियन रीवर्स लिंकिंग फार्मर्स एसोसिएशन’ के अध्यक्ष पी. अय्याकन्नू ने हालांकि यह भी कहा कि अगर वादे पूरे नहीं किए गए तो अनशन फिर से शुरू किया जाएगा।
अनशन खत्म करने की घोषणा करने से पहले किसानों ने इंडिया गेट से जंतर मंतर तक रैली निकाली।
अय्याकन्नू ने यहां पत्रकारों से कहा कि हम पिछले 41 दिनों से यहां अनशन पर बैठे हुए हैं। इस दौरान हमने राष्ट्रपति, केंद्रीय वित्त मंत्री, कृषि मंत्री और परिवहन राज्यमंत्री से मुलाकातें कीं। सभी ने अश्वासन दिया है कि हमारी मांगों पर विचार किया जाएगा।
हालांकि अब तक हमें कोई मदद नहीं मिली है। रविवार मुख्यमंत्री ने हमसे कहा है कि वह राष्ट्रीयकृत और सहकारी बैंकों से लिए हमारे कर्जे माफ करेंगे। इसलिए हमने 25 मई तक अनशन स्थगित करने का फैसला किया।
उन्होंने यह भी कहा कि द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के कार्यवाहक अध्यक्ष एम. के. स्टालिन ने अनशन पर बैठे किसानों से तमिलनाडु लौट आने के लिए कहा है।
तमिलनाडु के किसान कर्जमाफी, सूखा राहत पैकेज और कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग को लेकर बीते एक महीने से राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर अनशन कर रहे थे।
अय्याकन्नू ने चेतावनी दी है कि तब तक अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वे फिर से अनशन शुरू करेंगे।
अय्याकन्नू ने कहा कि एक महीने बाद हम स्थिति की समीक्षा करेंगे। अगर सरकार किए गए वादे को पूरा नहीं करती है तो हम फिर से अनशन पर बैठेंगे।
उन्होंने कहा कि पंजाब, गुजरात, हरियाणा, असम और ओडिशा सहित अन्य राज्यों के किसानों ने भी उनके विरोध-प्रदर्शन को समर्थन व्यक्त किया है।
आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास भी किसानों से मिले और हर तरह की मदद का भरोसा दिया। कुमार विश्वास ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसे मुद्दों पर संवेदनशील हैं, इसलिए वह इस पर अपनी प्रतिक्रिया जरूर देंगे।
अनशन पर बैठे किसानों ने बीते 41 दिनों के दौरान अपनी मांगों की ओर सरकारों का ध्यान आकृष्ट करने के लिए मानव कंकाल पहनकर, प्रतीकात्मक शवदाह कर, राष्ट्रपति भवन के सामने रायसीना हिल्स पर नग्न होकर और बीते शुक्रवार को अपना पेशाब पीकर विरोध-प्रदर्शन किया।