नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस बात का ऐलान किया कि नोटबंदी के फायदे देश में दिखने लगे हैं जिसके बाद देश का सरकारी खजाना भरा है। राजस्व में बढ़ोतरी हुई है और गुमनाम पैसा बैंकिंग में आया है।
उन्होंने कहा कि नोटबंदी को लेकर आलोचकों की आशंकाएं गलत साबित हुई और इससे अर्थव्यवस्था को कोई नुकसान नहीं हुआ। आलोचक गलत साबित हुए। नोटबंदी का एकाध तिमाही में आर्थिक वृद्धि पर प्रतिकूल असर पड़ सकता था था हालात इतने बुरे नहीं जितना कि कहा जा रहा था।
जेटली ने कहा कि नये नोट जारी करने का काम काफी आगे बढ़ चुका है, कहीं से अशांति की कोई खबर नहीं है। रिजर्व बैंक के पास बहुत अधिक मात्रा में नोट उपलब्ध है, मुद्रा का बड़ा हिस्सा बदला जा चुका है व 500 रुपये के और नये नोट जारी किए जा रहे हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि बैंकों की कर्ज देने की क्षमता बढ़ी है। नये नोट जारी करने का सबसे अहम दौर पूरा हो हुआ, स्थिति में काफी सुधार हो रहा है। वित्त मंत्री ने यह भी कहा है कि कई क्षेत्रों में कारोबार भी बढ़ा है और खेती को भी कोई नुकसान नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा कि रबी की बुवाई पिछले साल से 6.3 प्रतिशत अधिक हुई है। जीवन बीमा क्षेत्र का कारोबार बढ़ा है, पेट्रोलियम उपभोग में वृद्धि हुई है। इसी तरह पर्यटन उद्योग और म्युचुअल फंड योजनाओं में निवेश में भी वृद्धि हुई है।
जेटली ने कहा कि 19 दिसंबर तक प्रत्यक्ष कर संग्रह में 14.4 प्रतिशत, अप्रत्यक्ष कर संग्रहण में 26.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई। केंद्रीय उत्पाद शुल्क की वसूली की वृद्धि 43.3 प्रतिशत तथा सीमा शुल्क वसूली की वृद्धि 6 प्रतिशत हुई। टैक्स कलेक्शन में बढ़ोतरी से देश के राजस्व में बढ़ोतरी हुई है। नवंबर 2015 की तुलना में इस बार ज्यादा टैक्स आया है।