लखनऊ। समाजवादी पार्टी ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर पलटवार करते हुए कहा है अमित शाह बचकाना बयान दे रहे हैं। सपा के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने लखनऊ में अपनी प्रेस कांफ्रेस में जिस तरह से बचकाना बयान दिया, उससे उनकी बुद्धि के स्तर का पता चलता है।
मंगलवार को जारी एक बयान में राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि बुन्देलखण्ड की भौगोलिक स्थिति से और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा किए गए विकास और राहत कार्यो से भाजपा अध्यक्ष पूरी तरह अनजान है। प्रदेश को विकास कार्यो में मदद के बजाय समाजवादी सरकार पर दोषारोपण करना ‘उल्टा चोर कोतवाल’ से ही जवाब तलबी करना ही हुआ है।
भ्रष्टाचार का आरोप तो समाजवादी सरकार पर खुद उनके दल के नेता भी विधानसभा में नहीं लगा पाए हैं। लगे हाथ भाजपा अध्यक्ष अपनी राज्य सरकारों का ब्योरा भी देते तो स्पष्ट हो जाता कि वहां उत्तर प्रदेश के सापेक्ष कितना विकास हुआ है।
गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान में भ्रष्टाचार की कहानियों से कौन अवगत नहीं है। इन राज्यों में किसानों और गरीबों की जो दुर्दशा है वह किसी से छिपी नहीं है।
सपा प्रवक्ता ने कहा कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी सरकार के विकास कार्यो के शानदार रिकार्ड से भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खेमों में घबराहट और बौखलाहट है। विधानसभा के अगामी चुनावों में उन्हें अपना कोई भविष्य नजर नहीं आ रहा है। ऐसे में वे अपने पुराने तौर-तरीकों अफवाहें फैलाने, चरित्रहनन और सांप्रदायिकता का जहर फैलाने पर उतर आए हैं।
पिछले वर्षों में उन्होंने उत्तर प्रदेश में अशांति फैलाने की भरसक कुचेष्टाएं की थी किन्तु जनसहयोग न मिलने और प्रशासन की सख्ती के कारण वे अपने कुत्सित इरादो में सफल नही हो सके थे।
जब भाजपा को अखिलेश यादव की लोकप्रियता और स्वच्छ छवि के कारण कोई मुद्दा नहीं मिला तो वह प्रदेश में हो रहे विकास से ध्यान हटाने के लिए मथुरा और दादरी के मुद्दों को हवा देने लगे है। उससे अराजकता फैलाने की मंषा साफ जाहिर होती है।
भाजपा के लोग बिना अनुमति पंचायत कर रहे हैं और कानून हाथ में लेने की धमकी दे रहे हैं। इस तरह वे प्रदेश को अपने उपद्रवों से अशांत बनाने की साजिश को अंजाम देना चाहते हैं।
विडंबना है कि अदालत ने जिन्हें गुजरात से तड़ीपार कर दिया था वे ही नैतिकता की बात कर रहे हैं। मथुरा कांड की न्यायिक जांच के आदेश हो गए हैं ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए। फिर भी भाजपा अध्यक्ष से लेकर केन्द्रीय गृहमंत्री तक जिस तरह का दुष्प्रचार कर रहे हैं वह लोकतंत्र के लिए स्वस्थ स्थिति नही कही जा सकती है।
भाजपा की राजनीति में व्यक्तिगत लांछन लगाने और चरित्रहनन की यह ओछी मानसिकता निन्दनीय है। दादरी का मुद्दा भी अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए विपक्षी उछाल रहे हैं।
राजेंद्र चौधरी ने कहा कि भाजपा और बसपा के बीच भाई बहन का रिश्ता अटूट है। भाजपा और बसपा दोनो दलों का इरादा उत्तर प्रदेश को पिछड़ा प्रदेश बनाए रखने का ही है। इसके लिए वे यहाँ सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने में लगे हैं, इन्ही हरकतों को लक्ष्य कर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पहले ही कह दिया था कि यह ‘साजिशों का वर्ष’ है।
इन साजिशकर्ताआें को याद रखना चाहिए कि प्रदेश में समाजवादी सरकार सांप्रदायिकता और पृथकतावादी प्रवृत्तियों को कतई बढ़ने नही देगी। वह इनसे सख्ती से निपटेगी, क्योंकि जनता के अमन चैन से खिलवाड़ करने की किसी को इजाजत नहीं दी जा सकती है। सामाजिक सदभाव को तोड़ने की गुजरात की कहानी उत्तर प्रदेश मे नही दुहराई जा सकती है।