जयपुर। भारतीय किसान संघ से संबद्ध सैकड़ों किसानों ने कर्जमाफी व दूसरी मांगों को लेकर गुरुवार को राजस्थान के आठ शहरों में अनिश्चितकालीन ‘महापड़ाव’ (धरना) शुरू किया।
भाकिसं के कार्यकर्ता बीएन चौधरी ने कहा कि सैकड़ों की संख्या में किसान राज्य में जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, अजमेर, कोटा, बीकानेर, भरतपुर व सीकर में संभागीय मुख्यालयों में धरने पर बैठे हैं। हम चाहते हैं कि सरकार किसानों की सुने और उनके कल्याण के लिए कुछ करे।
कर्जमाफी के अलावा किसान लागत के आधार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने, उनके मुद्दों पर चर्चा के लिए राज्य विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने, किसान मित्रवत कृषि नीतियां बनाने और कुछ सिंचाई परियोजनाओं के क्रियान्वयन की मांग कर रहे है।
चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार को फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम पर खरीदने जाने को अपराध बनाना चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार किसानों को विरोध प्रदर्शन में भाग लेने से रोकने की कोशिश कर रही है। इस बीच राज्य सरकार ने जिला कलेक्टरों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। पुलिस अधिकारी प्रदर्शन पर नजर रख रहे हैं।
महापड़ाव स्थलों के निकट सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। किसानों को शांत करने के लिए राज्य सरकार ने लहसुन की खरीद शुरू की है और गेहूं खरीद की तारीख को बढ़ाकर 30 जून कर दिया है।